गोरक्षधरा पर अभूतपूर्व स्वागत से अभिभूत दिखे श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य
गोरखपुर। श्रृंगेरी मठ (शारदा पीठ) के जगद्गुरु जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम मंगलवार शाम को गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। मंदिर आगमन पर शंखध्वनि और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनका अभिनंदन किया गया। इसके पहले शंकराचार्य की विजय यात्रा का सहजनवा स्थित जनपद की सीमा से गोरखनाथ मंदिर तक फूल बरसाकर भव्य स्वागत किया गया। शंकराचार्य जी, गोरक्षधरा पर हुए इस अभूतपूर्व स्वागत से अभिभूत नजर आए।

इसके बाद सहजनवा में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने शंकराचार्य का फूलमालाओं से भव्य स्वागत किया। सहजनवा से लेकर गोरखनाथ मंदिर तक जगह-जगह समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने देश के शीर्षस्थ धर्माचार्यों में सम्मिलित जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम जी का अभूतपूर्व अभिनंदन किया।
शंकराचार्य के अभिनंदन और अभिवादन का दृश्य हर स्वागत स्थल पर नयनाभिराम रहा। स्वागत के लिए बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने उन पर फूल बरसाए तो कलाकारों ने भजन सरिता बहाई। उनके स्वागत का रूट होर्डिंग्स से पटा पड़ा था।
गोरखनाथ मंदिर पहुंचते ही परिसर में जगद्गुरु शंकराचार्य का मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने उनकी अगवानी की। इसके बाद श्रीगोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के वेदपाठी विद्यार्थियों ने शंखध्वनि के बीच मंत्रोच्चार कर शंकराचार्य का अभिनंदन किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में पधारे।
यहां श्रीगोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के प्राचार्य डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने सपत्नीक शंकराचार्य जी की चरण पादुका का विधिविधान से पूजन किया और आरती उतारी। इसके बाद शंकराचार्य ने महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में स्थापित देवी-देवताओं, संतों, महापुरुषों, मूर्तियों और चित्रों और उनके सम्मुख लिखित विचारों का अवलोकन किया। भवन की दीवारों पर उल्लिखित गोरखवाणी के पदों को गहनता से आलोकित करते तथा उन्हें पढ़ते हुए शंकराचार्य काफी भाव विभोर दिखे।