सूरसदन मंच पर जीवंत हुई जनसेवा की प्रतिमा: राजमाता अहिल्याबाई पर भव्य नाट्य प्रस्तुति

आगरा। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, भारतेंदु नाट्य अकादमी (लखनऊ) एवं रंगलोक सांस्कृतिक संस्थान (आगरा) के संयुक्त प्रयास से सूरसदन प्रेक्षागृह में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक क्षण साकार हुआ, जब मंच पर ‘जनकल्याणी राजमाता अहिल्याबाई होलकर’ नाटक का भव्य मंचन हुआ। अवसर था पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती का।

May 30, 2025 - 12:50
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सूरसदन मंच पर जीवंत हुई जनसेवा की प्रतिमा: राजमाता अहिल्याबाई पर भव्य नाट्य प्रस्तुति
सूरसदन के मंच पर राजमाता अहिल्याबाई पर आधारित नाट्य प्रस्तुति के कुछ दृश्य।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॊ. आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी ने इस ऐतिहासिक प्रस्तुति को प्रेरणादायक बताते हुए इसे समाज के लिए मूल्यपरक विरासत करार दिया।

नाटक के मंचन में जीवन से जुड़ी वो तमाम छवियां उभरीं, जिनमें अहिल्याबाई की न्यायप्रियता, धार्मिक समरसता, सृजनशीलता और जनसेवा के भाव जीवंत हो उठे। पूरे सभागार में तालियों की गूंज तब तेज़ हो गई, जब नाटक में अहिल्याबाई के त्याग, संघर्ष और न्याय को मंच पर दर्शाया गया। यह प्रस्तुति दर्शकों को इतिहास की गहराइयों से जोड़ते हुए आधुनिक समाज के लिए मूल्य आधारित सोच की प्रेरणा दे गई।

विशिष्ट अतिथियों में भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ के अध्यक्ष डॉ. रति शंकर त्रिपाठी और निदेशक श्री बिपिन कुमार की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।

इस साहित्यिक-सांस्कृतिक प्रस्तुति की लेखिका पिंकी सिंह हैं, जिनका यह दूसरा ऐतिहासिक नाटक है। निर्देशन की बागडोर रोहित चौहान ने संभाली, जिन्होंने अपनी रचनात्मक दृष्टि और अभिनय-कौशल से प्रस्तुति को ऊंचाई दी। सहनिर्देशन में दिव्यता उपाध्याय रहीं।

इस विशेष मौके पर संस्कृति विभाग के निदेशक विशाल सिंह, विशेष सचिव संजय कुमार सिंह, और जिलाधिकारी आगरा अरविंद मलप्पा बंगारी और आईएएस मुकेश कुमार मेघवाल मौजूद रहे।

कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने सभी सुधी दर्शकों और गणमान्य अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

SP_Singh AURGURU Editor