आगरा-मथुरा के बाद अब हाथरस की बारी: यमुना प्राधिकरण बसाएगा नया हाईटेक औद्योगिक शहर
आगरा। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक नक्शे पर अब हाथरस का नाम भी चमकने जा रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने आगरा और मथुरा के बाद अब हाथरस जिले में एक हाईटेक और औद्योगिक शहर बसाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। यह शहर न केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश का नया औद्योगिक हब बनेगा, बल्कि रोजगार, निवेश और कनेक्टिविटी के नए आयाम भी स्थापित करेगा।
4 हजार हेक्टेयर भूमि पर आकार लेगा नया शहर
प्राधिकरण ने हाथरस अर्बन सेंटर के रूप में प्रस्तावित इस परियोजना के लिए 2,000 से 4,000 हेक्टेयर भूमि का चयन किया है। यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में डेयरी, कपड़ा और ब्रास उद्योगों का संगठित केंद्र बनेगा। यीडा ने इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर दी है। पहले आवेदन की अंतिम तिथि 24 अक्टूबर थी, जिसे अब बढ़ाकर 3 नवंबर कर दिया गया है, जबकि तकनीकी बिड 6 नवंबर को खोली जाएगी। चयनित एजेंसी को 8 महीनों में मास्टर प्लान तैयार करना होगा।
मास्टर प्लान में सड़कों से लेकर हरे क्षेत्र तक की रूपरेखा
अधिकारियों के अनुसार, योजना के तहत पूरे क्षेत्र का भौगोलिक सर्वेक्षण कराया जाएगा। इसके बाद सड़क, जल, विद्युत, आवासीय, औद्योगिक और हरित क्षेत्रों की विस्तृत प्लानिंग तैयार होगी। यह शहर मास्टर प्लान 2041 (फेज-2) के अंतर्गत विकसित किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया हाथरस सदर, सादाबाद और सासनी तहसील के कुछ गांवों में प्रस्तावित है।
यीडा का औद्योगिक विस्तारः छह जिलों में फैल रहा नेटवर्क
यमुना प्राधिकरण का औद्योगिक दायरा अब गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा और हाथरस तक बढ़ चुका है। मथुरा में हेरिटेज सिटी का विकास जारी है। टप्पल में लॉजिस्टिक हब बन रहा है।
आगरा में पर्यटन और धरोहर आधारित प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है।
अब हाथरस को एमएसएमई सेक्टर का केंद्र बनाकर लघु और कुटीर उद्योगों को संगठित ढांचा देने की तैयारी है।
हाथरस की औद्योगिक क्षमता
वर्तमान में हाथरस में 10,293 पंजीकृत उद्योग सक्रिय हैं, जिनमें डेयरी, कपड़ा और ब्रास उत्पादों का बोलबाला है। नया हाईटेक शहर इन उद्योगों को क्लस्टर रूप में विकसित करेगा, जिससे उत्पादन, निर्यात और निवेश में बढ़ोतरी होगी।
लोकेशन बनेगी विकास की कुंजी
हाथरस का यह नया शहर यमुना एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्ग-93 (NH-93) और राज्य मार्ग-33 (SH-33) से जुड़ा होगा। यहां रेल जंक्शन की भी सुविधा मिलेगी। आगरा-मथुरा-एनसीआर के त्रिकोणीय क्षेत्र में होने के कारण यह प्रोजेक्ट निवेशकों और उद्योगपतियों के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित होगा।
इसलिए है यह प्रोजेक्ट खास
हाईटेक औद्योगिक शहर के रूप में विकास।
लघु, कुटीर और पारंपरिक उद्योगों को संगठित ढांचा।
डेयरी, कपड़ा और ब्रास इंडस्ट्री के लिए विशेष जोन।
युवाओं के लिए रोजगार और प्रशिक्षण केंद्र।
दिल्ली-एनसीआर और यमुना एक्सप्रेसवे से मजबूत कनेक्टिविटी।




