वृंदावन में रंगों में घुलेगी श्रीकृष्ण लीलाएं, गीता शोध संस्थान में राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर कल से

वृंदावन की पवित्र भूमि पर एक बार फिर रंग, आस्था और कला का संगम दिखाई देगा। ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर–2025 में देशभर से आए नामचीन चित्रकार भगवान श्रीकृष्ण की विविध लीलाओं को अपने कैनवास पर सजीव करने जा रहे हैं। यह शिविर कला के माध्यम से ब्रज संस्कृति और अध्यात्म के अद्भुत मिलन का प्रतीक बन रहा है।

Oct 31, 2025 - 21:25
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वृंदावन में रंगों में घुलेगी श्रीकृष्ण लीलाएं, गीता शोध संस्थान में राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर कल से

मथुरा। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा आयोजित तीन दिवसीय श्रीकृष्ण राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर–2025 का शुभारंभ 1 नवंबर से गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी, वृंदावन में होगा।
इस राष्ट्रीय कला शिविर का उद्घाटन परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सूरज पटेल करेंगे, जबकि समापन 3 नवंबर को किया जाएगा।

उद्घाटन अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले 21 चयनित महिला एवं पुरुष चित्रकारों को रंगों की किट, कैनवास और परिचय पत्र (आई-कार्ड) प्रदान कर वर्कशॉप का शुभारंभ किया जाएगा।
शिविर के दौरान सभी कलाकार भगवान श्रीकृष्ण की विविध लीलाओं- जैसे माखनचोरी, रासलीला, गोवर्धनधारण और गीता उपदेश  को अपनी विशिष्ट कला शैली में चित्रित करेंगे।

कलाकारों की सृजन यात्रा आम जनता के लिए खुली
शिविर के सह संयोजक एवं समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने बताया कि तीन दिनों तक चलने वाले इस राष्ट्रीय वर्कशॉप में ब्रज की संस्कृति, लोक जीवन और आध्यात्मिकता की झलक चित्रों में देखने को मिलेगी।
कार्यक्रम के बाद तैयार सभी चित्रों को एक माह तक गीता शोध संस्थान के सभागार में प्रदर्शनी के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा, जो आम नागरिकों और स्कूली विद्यार्थियों के लिए खुली रहेगी। दर्शक इन कलाकृतियों का अवलोकन करने के साथ-साथ फोटो भी ले सकेंगे।

इस राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर के संयोजक ब्रज तीर्थ विकास परिषद के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ. उमेश चंद्र शर्मा हैं। उन्होंने बताया कि परिषद का उद्देश्य कला के माध्यम से ब्रज संस्कृति को नई पहचान देना और युवा कलाकारों को परंपरा से जोड़ना है।

श्रीकृष्ण राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर न केवल कला का उत्सव है, बल्कि ब्रजभूमि की आत्मा को रंगों के माध्यम से प्रकट करने का प्रयास भी है। वृंदावन के वातावरण में रचे-बसे ये चित्र आने वाले दिनों में ब्रज की संस्कृति और श्रीकृष्ण भक्ति की जीवंत व्याख्या बनकर उभरेंगे।

SP_Singh AURGURU Editor