भारत-ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौते में हो रही देरी
भारत और ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर में ओमान की लंबी सरकारी प्रक्रियाओं के कारण देरी हो रही है। यह देरी किसी मतभेद के कारण नहीं, बल्कि ओमान के कैबिनेट नोट को अरबी में तैयार करने और कई मंत्रालयों से मंजूरी लेने की प्रक्रिया के कारण है।
मस्कट। भारत और ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर को लेकर लगातार देरी हो रही है। इस बीच सुर्खियों में आया कि दोनों देशों के बीच किसी अनसुलझे मुद्दे को लेकर यह देरी हो रही है। लेकिन अब भारत सरकार के अधिकारी ने स्पष्ट किया कि मुक्त व्यापार समझौता पर हस्ताक्षर में ओमान की तरफ से प्रक्रियात्मक देरी हो रही है। यह देरी किसी भी मतभेद या अनसुलझे मुद्दे के कारण नहीं है, बल्कि ओमान की लंबी सरकारी प्रक्रियाओं के चलते हो रही है।
दोनों देशों के बीच इस व्यापार समझौते, जिसे इंडिया-ओमान कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट कहा जा रहा है, पर बातचीत नवंबर 2023 में शुरू हुई थी और अगस्त 2025 में पूरी हो गई थी।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि ओमान की तरफ से कैबिनेट नोट को अरबी में तैयार करने में काफी समय लगा। जबकि भारत में यह प्रक्रियाएं सीधी हैं, जहां केवल कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत होती है। वहीं ओमान में कई मंत्रालय इस पर गहन विचार करते हैं फिर कई मंत्री मिलकर (जिसे मिनी कैबिनेट भी कहते हैं) इसे देखता है। उसके बाद कैबिनेट और फिर निचले सदन (मजलिस अल-शूरा) से मंजूरी लेनी पड़ती है। यह एक लंबी प्रक्रिया है।
भारत-ओमान के बीच होने वाले इस व्यापार समझौते ओमान के निचले सदन, मजलिस अल-शूरा से भी हरी झंडी मिलनी बाकी है। यह सदन एक सलाहकार और विधायी निकाय के रूप में कार्य करता है।
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने अगस्त में राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया था कि भारत-ओमान सीईपीए पर बातचीत पूरी हो चुकी है। पिछले महीने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा था कि इस व्यापार समझौते की घोषणा कुछ हफ्तों में हो सकती है।
भारत के लिए ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौता काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कपड़ा, आभूषण और चमड़े के उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। इन पर वर्तमान में ओमान में काफी अधिक टैक्स लगता है। सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत और ओमान के बीच कुल व्यापार 2024-25 में 10.61 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की तुलना में 18.6 प्रतिशत अधिक है। भारत ने ओमान से 6.55 अरब डॉलर का आयात किया, जबकि 4.07 अरब डॉलर का निर्यात किया। जिससे पिछले वित्तीय वर्ष में 2.48 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ।
ओमान में लगभग 80 प्रतिशत भारतीय वस्तुओं पर औसतन 5 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है, जबकि कुछ खास चीजों जैसे मांस, शराब और तंबाकू उत्पादों पर शुल्क 0 से 100 प्रतिशत तक हो सकता है।




