ब्रजरज उत्सव: स्थानीय एक हज़ार कलाकार सजीव प्रस्तुतियों से दिखा रहे अपनी प्रतिभा

मथुरा। श्रीकृष्ण की धरती ब्रज में लोक संस्कृति, संगीत और नृत्य का भव्य संगम ब्रजरज उत्सव–2025 शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा आयोजित यह उत्सव 11 दिनों तक चलेगा, जिसमें ब्रज के एक हज़ार से अधिक कलाकार अपनी अद्भुत लोक विधाओं की प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। रेलवे ग्राउंड, धौलीप्याऊ पर सजे इस आयोजन में ब्रज की लोक परंपराएं, लोकनृत्य, स्वांग, रसिया दंगल, समाज गायन और चरकुला नृत्य की जीवंत झलक हर शाम दिखाई दे रही है।

Oct 27, 2025 - 20:21
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ब्रजरज उत्सव: स्थानीय एक हज़ार कलाकार सजीव प्रस्तुतियों से दिखा रहे अपनी प्रतिभा
ब्रजरज उत्सव में अपनी प्रस्तुति देते स्थानीय कलाकार। 

-ब्रज के कलाकारों के समूह पारंपरिक लोकनृत्य, लोकगीत, स्वांग, रसिया दंगल, समाज गायन, चरकुला नृत्य, कथक, लावनी, मटका नृत्य, गुझरी नृत्य,

नौटंकी जैसी प्रस्तुतियां दे रहे

रेलवे ग्राउंड, धौलीप्याऊ पर चल रहा ब्रजरज उत्सव ब्रज की सांस्कृतिक परंपराओं और लोक कलाओं का भव्य उत्सव बन गया है। इसमें जहां देश के बड़े कलाकार अपनी परफार्मेंस दे रहे हैं, वहीं लगभग एक हजार से अधिक ब्रज के कलाकार कलाकारों के समूह पारंपरिक लोकनृत्य, लोकगीत, स्वांग, रसिया दंगल, समाज गायन, चरकुला नृत्य, कथक, लावनी, मटका नृत्य, गुझरी नृत्य, नौटंकी, रांझा, सहित विविध लोक विधाओं की प्रस्तुतियां कला और लोक परंपरा की प्रस्तुतियां देंगे। हर रोज स्थानीय कलाकारों को मौका मिल रहा है।

मंच और प्रांगण में लोक संगीत व अन्य विधाएं

उत्सव के मुख्य विशाल मंच और प्रांगण में प्रतिदिन ब्रज के कलाकारों के समूह पारंपरिक लोकनृत्य, लोकगीत, स्वांग, रसिया दंगल, समाज गायन, चरकुला नृत्य, कथक, लावनी, मटका नृत्य, गुझरी नृत्य, नौटंकी, रांझा, सहित विविध लोक विधाओं की प्रस्तुतियां दे रहे हैं। बांसुरी वादन, मृदंग–सितार युगलबंदी, अलगोजा, मशक, इकतारा, डमरू, सारंगी, और बीन जैसे वाद्य यंत्रों की धुनें पूरे प्रांगण में गूंज रही हैं। इन सभी कलाकारों को सम्मानजनक मानदेय दिया जाएगा।

प्रत्येक समूह में 10 से 50 कलाकार सम्मिलित हैं। प्रतिदिन अलग-अलग ग्रुप अपनी प्रस्तुतियां देंगे। पूरे उत्सव में ब्रज की संस्कृति और रस का वातावरण निर्मित हुआ है। साथ ही अनेक विलुप्त होती जा रही कला और विधाओं को संरक्षण भी मिल रहा है। अलगोजा, लावणी, रांझा आदि ऐसी अनेक  विधा हैं, जिनके कलाकार गिने चुने बचे हैं, उन्हें गांवों में से बुलाया गया है।

हर रोज कृष्णभक्ति से जुड़े विशेष कार्यक्रम

शाम 6:00 से 8:30 बजे तक मंच पर कृष्णभक्ति से जुड़े भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इन्हे बाहर से आमंत्रित ख्यातिप्राप्त कलाकार प्रस्तुत करेंगे। ये सभी बडे कार्यक्रम भगवान श्रीकृष्ण-यशोदा, महाभारत और रामायण से संबंधित नृत्य-नाट्य वह अन्य थीम पर प्रस्तुत करेंगे। इन ख्याति प्राप्त कलाकारों को बृजवासियों की इच्छा व मांग के अनुरूप कृष्ण भक्ति से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है। इनमें सांसद पद्मश्री हेमा मालिनी की विशेष प्रस्तुति “यशोदा कृष्ण” नृत्य-नाटिका आकर्षण का केंद्र रहेगी।

स्थानीय कलाकारों की दोपहर की प्रस्तुतियां

दोपहर 2:00 से 5:00 बजे तक स्थानीय कलाकारों के समूह एक एक घंटे लोकनृत्य, लोकगायन और अन्य पारंपरिक प्रस्तुतियां दे रहे हैं। ये सांस्कृतिक प्रस्तुतियां ब्रज की जीवित लोक संस्कृति पर आधारित हैं।

मेले में झलकती ब्रज संस्कृति

उत्सव स्थल पर ब्रज की संस्कृति का हर रंग दिखाई दे रहा है। सेल्फी प्वाइंट पर पारंपरिक ब्रज घरों की डिजाइन, मोरपंख, स्वास्तिक और श्रीकृष्ण लीलाओं की झांकियां दर्शकों को आकर्षित कर रही हैं।

शिल्प मेले में ब्रज के शिल्पकारों द्वारा निर्मित स्वदेशी वस्तुएं बिक्री के लिए रखी गई हैं, जिससे स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन मिल रहा है।

-शिल्प मेला, स्वादिष्ट व्यंजन, फूडकोर्ट, लोकनृत्य प्रदर्शनी, झूले एवं राइड्स, लोक, रीति-रिवाज प्रदर्शनी, विभिन्न प्रतियोगिताएं एवं प्रदर्शनियां लगी हैं।

SP_Singh AURGURU Editor