अहिल्याबाई होल्कर स्त्री-शक्ति की अमर गाथाः संगोष्ठी में भारतीय इतिहास के भूले पन्नों को किया उजागर

आगरा। समस्त स्त्रियोचित गुणों की प्रतिमूर्ति थीं पुण्यश्लोक महारानी अहिल्याबाई होल्कर। यह स्वर गूंजा सेठ पदम् चंद्र जैन संस्थान के सभागार में आयोजित संगोष्ठी में, जो लोकमाता अहिल्याबाई की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय इतिहास संकलन समिति और भारत विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुई।

May 28, 2025 - 23:15
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अहिल्याबाई होल्कर स्त्री-शक्ति की अमर गाथाः संगोष्ठी में भारतीय इतिहास के भूले पन्नों को किया उजागर
सेठ पदमचंद जैन इंस्टीट्यूट में आयोजित संगोष्ठी में

कार्यक्रम का मूल उद्देश्य था, महारानी अहिल्याबाई के जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेना और उन्हें भारतीय इतिहास में उनके उचित स्थान दिलाने की बात को प्रखरता से सामने रखना।

300 वर्ष पहले ही कर दिया था नारी शक्ति का उद्घोष

मुख्य वक्ता केंद्रीय हिंदी संस्थान की पूर्व निदेशक प्रो. बीना शर्मा ने कहा, महारानी अहिल्याबाई ने स्त्री-शक्ति, सेवा, धर्म और प्रशासन का जो समन्वय प्रस्तुत किया, वह आज भी अनुकरणीय है। ‘पुण्यश्लोक’ की उपाधि उन्हें उनके त्याग, सेवा और धर्म समर्पण के कारण दी गई थी।

प्रांतीय इतिहास संकलन समिति के अध्यक्ष प्रो. सुगम आनंद ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा, इतिहास लेखन में महारानी को वह स्थान नहीं मिला, जिसकी वे अधिकारी थीं। उन्होंने शासन, सैन्य संचालन और धर्म सेवा के माध्यम से भारतीय संस्कृति की नींव को मजबूत किया।

ऐतिहासिक पुस्तक का विमोचन

कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रचारक श्री देवराज सिंह द्वारा रचित भारत के चक्रवर्ती सम्राटनामक 320 पृष्ठीय पुस्तक का विमोचन हुआ, जिसमें महाभारत काल तक के महान सम्राटों की ऐतिहासिक झलक प्रस्तुत की गई है। डॉ. तरुण शर्मा ने पुस्तक की समीक्षा की और कहा कि यह युवाओं को गौरवशाली अतीत से जोड़ेगी।

नाट्य और काव्य ने भरा भावों का संचार

सलोनी जिंदल ने महारानी अहिल्याबाई के स्वरूप में एकल अभिनय प्रस्तुत कर सभागार को जीवंत कर दिया। वरिष्ठ कवि राजेन्द्र मिलन की स्वरचित कविता ने भावनाओं को गहराई दी।

संचालन, स्वागत और सहभागिता

कार्यक्रम का संचालन गुंजन अग्रवाल और सीए दीपिका मित्तल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मनोज परिहार और एडवोकेट अखिलेश भटनागर ने किया। अतिथियों का स्वागत अनेक समाजसेवियों व प्रबुद्धजनों ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रांतीय संगठन मंत्री डॉ मनोज परिहार तथा एडवोकेट अखिलेश भटनागर ने किया।

इतिहास संकलन समिति के सह सचिव सुनील सिंह एवं भूपेंद्र राघव ने सरस्वती वंदना एवं वंदे मातरम् का गायन किया। अतिथियों का स्वागत एडवोकेट बसंत गुप्ता, सीए विवेक अग्रवाल, डॉ अमित अग्रवाल, टीटू गोयल, राजेश गोयल, पुष्पेन्द्र सिसौदिया, प्रवीण सिंह, अंजू सिंघल ने किया।

इनकी रही मौजूदगी

कार्यक्रम में प्रो बृजेश रावत, प्रो वीके सारस्वत, आलोक आर्य, डॊ. सुषमा सिंह, डॉ. रेखा कक्कड़, डॉ. आभा चतुर्वेदी, कीर्ति शर्मा, डॉ. अंशु अग्रवाल, आदर्श नंदन गुप्त, निधि चतुर्वेदी, मुकेश गुप्ता, मनोज पोली, डॉ योगेन्द्र इन्दोलिया, अजय जैन, डॉ. हरवीर सिंह, विजित गुप्ता, निशि दौनेरिया, किरण कपूर, डॉ. केशव शर्मा, डॉ. रुचि अग्रवाल, डॉ आकाशदीप चौहान (एटा), डॉ पंकज कुमार, डॉ देवकुमार शर्मा (मथुरा) सहित शहर के अनेक प्रबुद्ध जनों की भागीदारी रही।

SP_Singh AURGURU Editor