इस्लाम अमन का पैगाम है, आतंकवाद हराम: सुन्नी बरेलवी उलेमाओं ने जारी किया फतवा

-आरके सिंह- बरेली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच देश भर के सुन्नी बरेलवी उलेमाओं ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी किया है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने बरेली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस फतवे को जारी किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस्लाम अमन, भाईचारे और इंसानियत का धर्म है और आतंकवाद का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

May 15, 2025 - 19:34
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इस्लाम अमन का पैगाम है, आतंकवाद हराम: सुन्नी बरेलवी उलेमाओं ने जारी किया फतवा
बरेली में सुन्नी बरेलवी उलेमाओं की बैठक में आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी करते मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी। साथ बैठे हैं अन्य प्रमुख उलेमा और मदरसों के प्रमुख।

फतवे में कहा गया है कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन इस्लामी नहीं हैं, और इनके कृत्य शरीयत के खिलाफ, नाजायज़ और हराम हैं। फतवे में कुरान और हदीस का हवाला देते हुए बताया गया कि एक निर्दोष की हत्या पूरी मानवता की हत्या के बराबर है। पैग़ंबर-ए-इस्लाम ने स्पष्ट किया है कि मुसलमान वह है जिससे किसी को नुकसान न पहुंचे।

फतवे में आगे कहा गया है कि अपने देश से प्रेम करना आधा ईमान है। मुसलमानों को उस भूमि से प्रेम करना चाहिए जहां वे रहते हैं। इस संदर्भ में भारतीय मुसलमानों से अपील की गई कि वे देश की एकता, अखंडता और भाईचारे के साथ खड़े रहें।

फतवे में विशेष तौर पर यह भी कहा गया कि 'जिहाद' शब्द को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है, जबकि असली जिहाद नफ्स (आत्मसंयम) और सेवा के लिए है, न कि किसी निर्दोष की हत्या के लिए।

पहलगाम हमले को बताया कायरतापूर्ण

उलेमाओं ने कहा कि पहलगाम में हुआ हमला न केवल मानवता के खिलाफ है, बल्कि शरीयत की नजर में पूरी तरह से नाजायज़ और हराम है। इस प्रकार की घटनाओं का किसी मजहब से कोई वास्ता नहीं होता, यह केवल कायराना कृत्य है।

बैठक में शामिल हुए देशभर के उलेमा

बैठक में शाहजहांपुर, पीलीभीत, बदायूं, रामपुर, बरेली समेत विभिन्न जिलों से आए प्रमुख उलेमा शामिल हुए। इनमें मौलाना इकबाल फूल मियां, मौलाना गुलाम मोहिउद्दीन हशमती, मौलाना मुस्तकीम रज़ा, मौलाना मुजाहिद हुसैन, मुफ्ती हाशिम रज़ा, आदि प्रमुख नाम शामिल रहे। बड़ी संख्या में मस्जिदों के इमाम, मदरसों के प्रबंधक व प्रधानाचार्य भी इस बैठक का हिस्सा बने।

SP_Singh AURGURU Editor