रेप, ड्रग्स जैसे नामों से डॉक्टर साहब की सिटी—पिट्टी गुम, नेता जी ने साइबर ठग की जमकर क्लास लगाई, पढें आगरा में साइबर ठगी के कुछ नाकाम पर दिलचस्प मामले

फर्ज कीजिए आपके पास कोई फोन कॉल आए। आपका कॉल आईडेंटिफायर बताता है कि यह कॉल सीबीआई या पुलिस की तरफ से आ रहा है। थोड़ी घबराहट तो होगी ही। यह घबराहट तब और बढ़ जाती है जब रेप या ड्रग्स जैसे नामों का इस्तेमाल करते हुए पुलिस अफसर कहे कि आपका बेटा या बेटी अपराध में शामिल हैं। पहले तो आप यकीन नहीं करेंगे कि आपका बच्चा ऐसा कर सकता है लेकिन एआई या डुप्लीकेसी वाली एप्स का इस्तेमाल करते हुए आपको ऐसी आवाजें सुनवाई जाएंगी जिससे आपके हाथ—पांव फूल जाएं। आपको समझ नहीं आएगा कि किया क्या जाए। क्योंकि ऐसे मामलों में मदद तो पुलिस की ही ली जाती है लेकिन यहां तो डर पुलिस से ही है। यही तरीका इख्तियार कर आगरा के एक डॉक्टर, एक नगर निगम के अधिकारी और एक पार्षद को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की गई। हालांकि ठगी हो तो नहीं पाई लेकिन साजिश को अंजाम देने की तरकीब बड़ी दिलचस्प है।

Oct 5, 2024 - 17:59
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रेप, ड्रग्स जैसे नामों से डॉक्टर साहब की सिटी—पिट्टी गुम, नेता जी ने साइबर ठग की जमकर क्लास लगाई, पढें आगरा में साइबर ठगी के कुछ नाकाम पर दिलचस्प मामले

महिला शिक्षिका की मौत के बाद नाकाम मामले सामने आने लगे हैं
गौरतलब है कि दो दिन पहले आगरा में साइबर डाकुओं के जाल में फंसी एक महिला शिक्षिका के हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई थी। इसके अगले ही दिन एक अन्य शिक्षिका के साथ साइबर ठगी का मामला सामने आया जिसमें शिक्षिका से दो लाख रूपये की ठगी को अंजाम दिया गया था। हाल ही में सामने आए इन मामलों की वजह से अब इस संगठित अपराध के खिलाफ लोग एकजुट होने लगे हैं। साइबर क्राइम को लेकर हर कहीं चर्चा है और बहुत से लोग अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। ऐसे ही कुछ मामले और गुरू की टीम के संज्ञान में आए हैं। आप भी पढें।


केस—1
किशोरी सिंह राजपूत नगर निगम में एग्जीक्यूटिव इंजीनियरि के पद से सेवानिवत्त हैं। किशोरी सिंह बताते हैं कि कुछ समय पहले इस तरह का फोन मेरे पास भी आया था। पहले तो उन्हें फोन कॉल असली लगा लेकिन बाद में समझ आया कि साइबर ठग ने उन्हें चुना था। फोन करने वाले ने कहा कि आपका लड़का ड्रग्स तस्करी में पकड़ा गया है। मैं एफआईआर नहीं कर रहा हूं। यदि जेल जाने से बचाना है तो 500000 रूये अभी ट्रांसफर करो। इस पर किशोरी सिंह ने जवाब दिया कि मेरा बेटा तो मेरे साथ है। बाहर रहता ही नहीं है तो कहां से पकड़ गया। यह कहते ही साइबर ठग ने फोन काट दिया।

केस—2
कमला नगर में डॉक्टर केके अग्रवाल ने बताया कि उनके पास भी इसी तरह का कॉल् आया था। इसमें उनके रिश्तेदार को रेप केस में फंसा बताया गया था। फोन करने वाले ने अपना परिचय सीबीआई अधिकारी के रूप् में दिया। ​कहा कि टीम ने आपके रिलेटिव को पकड़ा है। उसी ने कहा कि उसके घर पर नहीं बल्कि आपको फोन किया जाए। मामला रफा—दफा कराने की बात कहते हुए 500000 रूपये मांगे गए थे। चिकित्सक इन बातों में फंस ही गए थे। आनन—फानन में पैसों का इंतजाम करने लगे तभी इलाज कराने पूर्व पार्षद अमित ग्वाला पहुंच गए। उन्होंने परेशानी का कारण पूछा तो मामला संज्ञान में आया। इस पर पूर्व पार्षद ने फ्रॉड की पहचान कराई तब जाकर डॉक्टर साहब की जान में जान आई। 

केस—3
तीसरा मामला खुद पूर्व पार्षद अमित ग्वाला के साथ हुआ। उन्होंने बताया कि उनके पास जो फोन आया उसमें दिल्ली से इंस्पेक्टर होने की बात कही गई थी। साइबर ठग ने कहा कि आपको पता है कि आपका बेटा आजकल क्या कर रहा है ? पूर्व पार्षद ने कहा कि नहीं मैं नहीं जानता आप ही बता दो। इस पर ठग ने कहा कि उसने एक लड़की का रेप किया है और लड़की अस्पताल में भर्ती है। आपके बेटे को जेल भेज रहे हैं। मामला खत्म कराना चाहते हो तो बताओ। लेकिन यह कॉल ठग को भारी पड़ी। पूर्व पार्षद को समझते देर न लगी। उन्होंने फोन पर बात कर रहे व्यक्ति से कहा कि ऐसा करो मेरे बेटे को जेल मत भेजो, सीधे गोली मार दो, क्योंकि मेरा कोई बेटा ही नहीं है। इतना सुनते ही ठग ने फोन काट दिया। 

ऐसे न जाने कितने ही मामले
हालांकि एक्सपर्ट्स की मानें तो साइबर अपराध में अधिकांश ठगी के शिकार हुए लोगों के मामले ही दर्ज होते हैं। वे लोग ऐसे फोन कॉल्स की शिकायत नजर अंदाज कर देते हैं जिनमें साजिश अंजाम तक नहीं पहुंचती। जबकि ऐसे मामले भी सामने आने चाहिए। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और वे साइबर ठगों से निपटना सीखेंगे। इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार भारत में साइबर ठगी के मामले साल दर साल बढ़ रहे हैं। साल 2019 में साइबर ठगी से जुड़ी शिकायतों की संख्या 26,049 थी। साल 2024 के पहले चार महीनों में साइबर ठगी से जुड़ी शिकायतों की संख्या 7,40,957 हो गई। साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर हर दिन 7,000 से ज़्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इनमें से 85 फ़ीसदी मामले आर्थिक ठगी से जुड़े होते हैं। साइबर ठगी के ज़्यादातर मामलों में ठग, लोगों को आसानी से पैसे बनाने का लालच देकर अपना शिकार बनाते हैं। इसलिए साइबर ठगी से बचने के लिए, जानकारी और जागरूकता हासिल करना ज़रूरी है। 

SP_Singh AURGURU Editor