आगरा के प्राइवेट डॊक्टरों की हड़ताल शुरू, इमरजेंसी सेवाएं भी ठप
आगरा। यूरोलॊजिस्ट डॊ. अविनाश सिंह के साथ पुलिस द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार को लेकर आईएमए के आह्वान पर डॊक्टर आज शाम चार बजे से बेमियादी हड़ताल पर चले गए। सभी प्राइवेट डॊक्टरों ने अपने क्लीनिकों पर मरीजों को देखना बंद कर दिया है। इसके साथ ही एसएन मेेडिकल कॊलेज के रेजिडेंट भी इस हड़ताल में कूद गए हैं। डेंटिस्ट एसोसिएशन ने भी समर्थन देते हुए हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। चिकित्सकों की मांग है कि इंस्पेक्टर सिकंदरा नीरज शर्मा को लाइन हाजिर करने के साथ ही अन्य पर भी कार्रवाई की जाए। अन्य शहरों के चिकित्सक भी आगरा आईएमए का समर्थन कर रहे हैं।

-यूरोलॊजिस्ट डॊ. अविनाश सिंह के साथ सिकंदरा थाने में हुई अभद्रता के विरोध में शुरू हुई है हड़ताल
डॊ. अविनाश का कहना है कि सिकंदरा चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया और अभद्रता की। उन्हें थाने ले जाकर अपराधियों की तरह हवालात में बंद कर दिया। अन्य चिकित्सकों ने थाने पहुंचकर उन्हें हवालात में से बाहर निकलवाया।
इस घटना के बाद आईएमए ने आपात बैठक बुलाकर शुक्रवार शाम चार बजे से 4:00 बजे से बेमियादी हड़ताल की घोषणा की थी। हड़ताल के दौरान सभी निजी चिकित्सा सेवाएं आगरा में बंद रहेंगी। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुरूप आज शाम से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई है। एनआईएमए ने घटना की निंदा करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।
डॊ. अविनाश सिंह के साथ हुई अभद्रता के विरोध में एसएन मेडिकल कॊलेज के रेजिडेंट भी हड़ताल पर चले गए हैं। रेजिडेंट डॊक्टरों ने घोषणा की है कि पहले से भर्ती मरीजों का इलाज जारी रखा जाएगा।
डॊक्टरों का कहना है कि इस घटना से यह साबित हो गया है कि आगरा के पुलिस कमिश्नर द्वारा थानों के लिए लागू की गई शिष्टाचार नीति सिर्फ दिखावे भर की थी। पुलिस ने चिकित्सक के साथ यह सब किया है तो आम आदमी के साथ क्या स्थिति रहती होगी, इसका अंदाज लगाया जा सकता है।
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. अनूप दीक्षित का कहना है कि एक सम्मानित चिकित्सक को मारपीट करके हवालात में बंद करना निंदनीय घटना है। जब हमने थानाध्यक्ष से बात की तो वह माफी मांग रहे थे। डॉ. अविनाश लॉकअप में कैसे बंद हुए? यह पूछा गया तो वह कुछ नहीं बोल पाए। उनका कहना है कि इंस्पेक्टर सहित दोषी पुलिसकर्मी निलंबित होने चाहिए। जब तक पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं होगी, चिकित्सक कार्य नहीं करेंगे।
आईएमए के डॉक्टर पंकज नगाइच का कहना है कि आगरा के इतिहास में ऐसी घटना कभी नहीं हुई। चिकित्सक को अपराधियों की तरह हवालात में बंद करना शर्मनाक है। सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश है कि डॉक्टर को कोई ऐसे ही बंद नहीं कर सकता है। यहां तो गाड़ी टकराने के मामले में ही डॉक्टर को हवालत में डाल दिया गया।
इधर मेरठ के डॉक्टर अनिल ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से आगरा में चिकित्सक को हवालात में डाले जाने की खबर मिली है। यह काफी निंदनीय है। मेरठ के चिकित्सकों में भी इस घटना को लेकर रोष है। मुख्यमंत्री से मांग की जाती है जो घटना घटित हुई है, उसमें न्याय दें। इंस्पेक्टर नीरज शर्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, क्योंकि उन्हें यह नहीं पता था उनके थाने में क्या हो रहा है। जिन पुलिस कर्मियों ने अभद्रता की है उन पर भी कार्रवाई की जाए। जिस प्रकार चिकित्सक को हवालात में डाला गया उसी प्रकार इंस्पेक्टर की पत्नी को भी हवालात में डाला जाए।