‘नमन’ काव्य गोष्ठी में गूंजा अहिल्याबाई का यशोगान, पर्यावरण और संस्कृति पर मुखर अभिव्यक्ति
आगरा। संस्कार भारती, आगरा महानगर द्वारा पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होल्कर की स्मृति में आयोजित छठवीं नमन काव्य गोष्ठी में बुधवार को साहित्य, राष्ट्रभक्ति, संस्कृति और पर्यावरण के विविध रंगों से सजी कविताएं श्रोताओं के हृदय को छू गईं। कार्यक्रम श्री कुलश्रेष्ठ सभा भवन, तहसील मार्ग पर आयोजित किया गया था। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। अध्यक्षता वरिष्ठ ब्रजभाषा कवि डॉ. ब्रज बिहारी लाल 'बिरजू' ने की। विशिष्ट अतिथियों में शशि कुमार कुलश्रेष्ठ, अनिल कुलश्रेष्ठ, मधु प्रकाश कुलश्रेष्ठ व संजीव कुलश्रेष्ठ मौजूद रहे।

सरस्वती वंदना से आरंभ हुई गोष्ठी
कवयित्री पद्मावती पद्म ने मां अहिल्याबाई को समर्पित सरस्वती वंदना से गोष्ठी का भावपूर्ण आरंभ किया-
जयति जय जय मां अहिल्या,
जयति जय मातेश्वरी मां,
जयति पुण्यश्लोका मां,
जयति जय लोकमाता मां।
कवियों की आवाज़ों में उठे युगबोध और चेतना के स्वर
प्राचार्य और वरिष्ठ कवि सुधीर कुलश्रेष्ठ की राष्ट्र चेतना से ओतप्रोत कविता को करतल ध्वनि के साथ सराहा गया। राकेश शर्मा 'निर्मल' ने ग़ज़ल में गहराई से आत्मावलोकन कराया-
दर्द किसी का लिया नहीं है,
प्यार किसी से हुआ नहीं है।
गीत-ग़ज़ल तुम क्या लिखोगे,
अंतर्मन को छुआ नहीं है।
प्रभूदत्त उपाध्याय की पंक्तियां व्यथा से भरी थीं-
निर्दयी राक्षस तेनें, भोले सैलानी दिये मारि।
दया तोहै नाहिं आई।।
प्रणव कुलश्रेष्ठ (टूण्डला) की ओजपूर्ण कविता से राष्ट्रभक्ति जागृत हुई-
आंखें मेरी हुई नम, किसी में नहीं था दम,
बस दोष हिन्दू हम, पंचाली बचाइए।
प्रभु कौ संदेश नहीं, अल्लाह आदेश नहीं,
जागो मेरे आर्य देश, सीमा तो सजाइए।।
ब्रज में पर्यावरण की पुकार
ब्रजभाषा कवि रामेंद्र शर्मा 'रवि' ने पर्यावरण चेतना को जनभावना से जोड़ा-
गरमी ते सिगु जग जरै, हम सब जिम्मेदार।
अपने हित कूं काटि दए, ब्रज वन पेड़ हजार।।
...
पेड़ लगाऔ भौतु, देउ धरती कूं नरमी,
नहिं तौ झेलौ खूब, सालभर भीषण गरमी।
काव्य प्रतिभाओं का सम्मान
वरिष्ठ कवयित्री डॉ. कुसुम चतुर्वेदी को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए मंच से शॉल, अंगवस्त्र और माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा-
सफलता तो तथ्य के संज्ञान में है।
शस्त्र का सम्मान भी संधान में है।।
पीढ़ियों की हैं अमर गौरव-कहानी,
संस्कारों की सुरभि संतान में है।।
अन्य प्रमुख कवि और उनकी प्रस्तुतियां
गोष्ठी में विजया तिवारी, राज फौजदार, शुभदा पांडेय, हरीश अग्रवाल 'ढपोरशंख', डॉ. केशव कुमार शर्मा, डॉ. शेषपाल सिंह शेष, अजय मिश्रा, आचार्य उमा शंकर, राजीव क्वात्रा 'आगरावासी', योगेश चंद्र शर्मा 'योगी', सुभाष प्रजापति, उमा शंकर मिश्रा, विनय बंसल, दीपक कुलश्रेष्ठ सहित अनेक कवियों ने भी कविता पाठ कर श्रोताओं को भावविभोर किया।
काव्य गोष्ठी का संचालन राकेश शर्मा 'निर्मल' और संयोजन नन्द नन्दन गर्ग (प्रांतीय उपाध्यक्ष, संस्कार भारती) ने किया। धन्यवाद ज्ञापन ओम स्वरूप गर्ग ने किया जबकि व्यवस्थाएं दीपक गर्ग व उत्तम सिंह ने संभालीं।