अछनेरा के नरसिंह मंदिर की समिति भंग, संपत्ति बेचने पर भी रोक
आगरा। अछनेरा के मोहल्ला रठिया में तीन सौ साल पहले भरतपुर के तत्कालीन महाराजा सूरजमल द्वारा बनवाए गए नरसिंह भगवान के मंदिर की समिति को एडीजे-15 राजीव कुमार पालीवाल नें भंग कर दिया है। अदालत ने एसडीएम किरावली को आदेश दिया है कि तीन महीने के अंदर मंदिर की नई समिति का गठन कराकर कोर्ट को अवगत कराएं।

-300 साल पहले भरतपुर के महाराजा सूरजमल ने बनवाया था यह मंदिर, भूमि भी दान में दी थी
बता दें कि नरसिंह भगवान मंदिर के मूल संस्थापक ट्रस्ट के सभी अधिकार समाप्त हो जाने पर मन्दिर ट्रस्ट सार्वजनिक होकर आम जनता का हो गया था। इसका संचालन एक समिति द्वारा किया जाने लगा। मंदिर समिति पर लोगों ने आरोप लगाया कि उसके द्वारा कई प्रकार की अनियमितताएं बरती गईं। यह समिति ऐतिहासिक मन्दिर को अपनी निजी संपत्ति मानने लगी।
मंदिर की वेशकीमती जमीन हड़पने के प्रयोजन से षड्यन्त्र के तहत ऐतिहासिक मंदिर से एक किलोमीटर दूर मोहल्ला बझेरा, अछनेरा में नरसिंह भगवान की एक छोटी सी मूर्ति की स्थापना करा दी गई थी।
अछनेरा कस्बे के मोहल्ला रठिया में स्थित नरसिंह भगवान मंदिर का निर्माण भरतपुर के महाराजा सूरजमल द्वारा कराया गया था। तीन सौ साल पहले नरसिंह भगवान की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह अत्यंत भव्य तरीके से किया गया था, जिसमें पूरे भरतपुर राज्य की जनता ने भाग लिया था। राजा सूरजमल ने मंदिर की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए कई एकड़ भूमि भी दान में दी थी।
सनातनी हिंदुओं को सौंप दिया था यह मंदिर
महाराजा सूरजमल ने उक्त मंदिर और उसकी संपत्ति को सार्वजनिक रूप से सनातनी हिंदुओं को समर्पित किया था। वर्ष 2000 में इसी मंदिर में भगवान हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी अत्यंत धूमधाम से की गई थी। कई एकड़ में बने मंदिर की चारदीवार आठ फुट की है। उक्त मंदिर में जन्माष्टमी, गोवर्धन पूजा, रामनवमी एवं गुरु पूर्णिमा के त्योहार बडी धूमधाम से मनाए जाते रहे हैं।