शिक्षिका से द्विअर्थी बातें, कभी कोने में बुलाते हैं तो कभी वीडियो बनाते हैं
आगरा। बरौली अहीर ब्लॊक के एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका विद्यालय में ही तैनात दो पुरुष अध्यापकों ने जीना हराम कर दिया है। ये दोनों अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए गाली गलौज करते हैं। द्विअर्थी शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अश्लील टिप्पणियां भी करते हैं। गधी, कुतिया और घोड़ी कहकर पुकारते हैं। अश्लील बातें करते हैं। दोनों शिक्षक स्कूल समय के बाद भी आते-जाते समय शिक्षिका का पीछा करते हैं तथा रास्ता रोकते हैं। कभी कोने में बुलाते हैं तो वीडियो बनाते हैं। यह उनकी निजता का हनन है। विद्यालय आना और पढ़ाना दूभर कर रखा है।

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लिफ्ट मांगी और फिर मजाक उड़ाया
नरेस पारस के अनुसार उन्हें स्कूल की अनुदेशक ने बताया कि स्कूल की छुट्टी के बाद ओमकार ने लिफ्ट मांगी। अगले दिन स्कूल में अनुदेशक का पुरुष शिक्षकों के बीच मजाक उड़ाया गया। पीड़िता ने अपने पति से शिकायत की। पति के समझाने पर भी शिक्षक नहीं माने। वह लगातार उसका उत्पीड़न कर रहे हैं। छिपकर दूर से भी वीडियो बनाते हैं। उसे वीडियो वायरल होने की आशंका है। 22 जनवरी को बीएसए के निरीक्षण में सात शिक्षक और शिक्षिकाएं अनुपस्थित मिले थे। आरोपी शिक्षकों का कहना है कि मिड-डे मील में गड़बड़ी होती है, इसलिए ये लोग वीडियो बनाते हैं।
किसी स्कूल में नहीं बनी है शिकायत कमेटी
प्रधानाध्यापिका से मिली शिकायत पर सोशल एक्टिविस्ट नरेश पारस ने शिक्षक-शिक्षिकाओं तथा ग्राम प्रधान से जानकारी ली। विशाखा गाइडलाइन के अनुसार कार्यस्थल पर यौन शोषण रोकने के लिए कमेटी बनाने के प्रावधान हैं, जो इस विद्यालय में नहीं बनाई गई है। जानकारी करने पर पता चला कि किसी भी स्कूल में यह कमेटी नहीं बनी है। कार्यस्थल पर यौन शोषण की शिकायत सबसे पहले इसी कमेटी में जाती है।
नरेस पारस का कहना है कि स्कूल में गाली, गलौज, अश्लील टिप्पणी, छेड़छाड़ की घटनाओं से बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। बच्चे क ख ग के स्थान पर अश्लीलता का पाठ पढ़ रहे हैं। स्कूल में पुलिस ने शिक्षकों और शिक्षिकाओं से पूछताछ की है। स्कूल में पुलिस का आना चर्चा का विषय बना हुआ है। इस प्रकरण में नरेश पारस बीएसए को भी अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।