यूपी में जीसीसी पॉलिसी जल्द, भूमि सब्सिडी और इन्सेंटिव्स देने की तैयारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही उत्तर प्रदेश ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स-2024 पॉलिसी (यूपी जीसीसी पॉलिसी-2024) लागू करने जा रही है।

इसके जरिए प्रदेश को ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) के सुपर हब के तौर पर स्थापित करने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
इस पॉलिसी के जरिए जीसीसी सेक्टर में निवेश करने व उपक्रम लगाने वालों को सब्सिडी समेत विभिन्न प्रकार के लाभ देने का मार्ग प्रशस्त होगा। पॉलिसी के जरिए विभिन्न दरों पर भूमि सब्सिडी समेत स्टाम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत तक के छूट प्राप्त करने का प्रावधान प्रस्तावित है।
वहीं, इंप्लॉयी पेरोल सब्सिडी, ईपीएप पर रिफंड, इंटर्नशिप पर असिस्टेंस, स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी, सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना पर ग्रांट समेत विभिन्न गतिविधियों के संचालन पर भी परियोजना के अंतर्गत प्रदेश में निवेश करने व उपक्रम लगाने वाली कंपनियां प्रावधानित सब्सिडी की पात्र बन सकेंगी।
विप्रो, माइक्रोसॉफ्ट समेत कंपनियां हैं यूपी में मौजूद
ईएसडीएम (इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण) और आईटी/आईटीईएस क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति के साथ उत्तर प्रदेश संबंधित डाउनस्ट्रीम जीसीसी को आकर्षित करने के लिए अच्छी स्थिति में है। इसलिए, उत्तर प्रदेश में सॉफ्टवेयर और प्रौद्योगिकी, बीएफएसआई, सेमीकंडक्टर, हेल्थकेयर और मेडिकल डिवाइस सहित डाउनस्ट्रीम जीसीसी क्षेत्रों के लिए एक हॉटस्पॉट बनने की क्षमता है।
जीसीसी के घटक के तौर पर राज्य में 200 से अधिक ईएसडीएम और आईटी कंपनियां हैं। सैमसंग, ओप्पो, हायर, एनटीटी, एसटीटी ग्लोबल, वेब-वर्क्स, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एडोब और माइक्रोसॉफ्ट जैसे प्रमुख वैश्विक ब्रांड इसमें शामिल हैं।
यूपी जीसीसी पॉलिसी 2024 का ड्राफ्ट इन्वेस्ट यूपी द्वारा तैयार किया गया है और यह 5 वर्षों की कार्यालयवधि के लिए प्रस्तावित है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इन्वेस्ट यूपी द्वार पॉलिसी इंप्लिमेंटेशन यूनिट (पीआईयू) का गठन कर इसे क्रियान्वित किया जाएगा। इवैल्युएशन व एम्पावर्ड कमेटी के माध्यम से इस प्रणाली को प्रदेश मे लागू कर उसकी रेगुलर मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
जीसीसी पॉलिस में निवेश करने पर मिलेंगे कई लाभ
जीसीसी पॉलिसी 2024 के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के प्रावधानों का लाभ निवेशकों व उपक्रम स्थापित करने वालों को मिलेगा। ड्राफ्ट के अनुरूप ये प्रावधान प्रस्तावित हैं...
-राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण, विकास प्राधिकरण, शहरी स्थानीय निकाय या किसी अन्य सरकारी एजेंसी से भूमि आवंटन पर पात्र इकाइयों को गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद जिलों में 30%, पश्चिमांचल (गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद को छोड़कर) और मध्यांचल क्षेत्र में 40% तथा पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र में 50% फ्रंट एंड भूमि सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
-प्रस्तावित परियोजना के लिए भूमि/कार्यालय स्थान/भवन की खरीद/पट्टे पर स्टाम्प ड्यूटी में 100% छूट/प्रतिपूर्ति। छूट प्राप्त छूट की समतुल्य राशि की बैंक गारंटी प्रस्तुत करने पर प्रदान की जाएगी, जो पात्र निवेश अवधि के भीतर वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने पर इकाई को वापस कर दी जाएगी।
-पात्र निवेश अवधि के भीतर वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने के बाद 7 बराबर वार्षिक किस्तों में लेवल-1 जीसीसी इकाई को ईसीआई के 25% की दर से अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक और उन्नत जीसीसी इकाई को 25 करोड़ रुपये तक की पूंजी सब्सिडी दी जाएगी।
-पात्र इकाई के पास पूंजीगत वस्तुओं पर एसजीएसटी की वापसी का विकल्प होगा, यानी इकाई राज्य के भीतर इकाई स्थापित करने के लिए पूंजीगत वस्तुओं की खरीद पर भुगतान किए गए राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) की प्रतिपूर्ति का दावा करने के लिए पात्र होगी।
-निर्माण हेतु लिए गए ऋण पर 5% प्रति वर्ष की दर से ब्याज सब्सिडी या ब्याज पर वास्तविक भुगतान, जो भी कम हो, प्रदान की जाएगी। वाणिज्यिक परिचालन प्रारंभ होने से 5 वर्ष की अवधि के लिए प्रति इकाई प्रति वर्ष अधिकतम 1 करोड़ रुपये की शर्त के अधीन संस्थाओं को लाभ मिलेगा।
-परिचालन व्यय (ओपेक्स) परिचालन व्यय पर 20% की दर से सब्सिडी, जिसमें लीज किराया, बैंडविड्थ व्यय, डेटा सेंटर/क्लाउड सेवा लागत और बिजली शुल्क शामिल हैं, जो वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने के बाद 5 वर्ष की अवधि के लिए लेवल-1 जीसीसी इकाइयों के लिए अधिकतम 40 करोड़ रुपये प्रति वर्ष और उन्नत जीसीसी इकाइयों के लिए अधिकतम 80 करोड़ रुपये तक है।
-इसके अतिरिक्त, पेरोल सब्सिडी, ईपीएप पर रिफंड, इंटर्नशिप पर असिस्टेंड, स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी, सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना पर ग्रांट, रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर इंसेंटिव, स्टाट्रअप आइडिएशन में मदद, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स पर सब्सिडी, जीसीसी की स्थापना के लिए टेक्निकल सपोर्ट, लिंकेज सपोर्ट व रेगुलेटरी सपोर्ट उपलब्ध कराया जाएगा।