दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती कोर्ट में बेनकाब, रिवीजन निरस्त

आगरा। थाना छत्ता क्षेत्र की एक युवती का रिवीजन कोर्ट ने निरस्त कर दिया। जिस युवक पर दुराचार का मुकदमा दर्ज कराने के लिए उसने कोर्ट की शरण ली थी, उसमें वह पहले भी मुकदमा दर्ज करा चुकी थी। पुलिस तफ्तीश के दौरान युवती ने बयान दिया कि उसने क्रोध में आकर मुकदमा दर्ज कराया था। उसी की सहमति से एफआर लगी थी। यह तथ्य उजागर होने पर कोर्ट ने युवती का रिवीजन का अनुरोध खारिज कर दिया।

Feb 6, 2025 - 20:22
 0
दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती कोर्ट में बेनकाब, रिवीजन निरस्त

-पहले भी दुष्कर्म का आरोप लगाकर बाद में मुकर गई थी

इस युवती ने युवती ने कोलिहाई, ताजगंज निवासी पवन सिकरवार के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुराचार करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। अदालत ने इस प्रार्थना पत्र पर पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश न देते हुए इसे परिवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया था।

इसके विरोध में युवती ने सत्र न्यायालय में रिवीजन दायर किया था, जिसे एडीजे 15 राजीव कुमार पालीवाल ने निरस्त कर दिया है। आरोपी पवन सिकरवार के अधिवक्ता नरेंद्र पाल सिंह और संजय गुप्ता ने तर्क दिया कि युवती ने तथ्यों को छुपाते हुए रिवीजन दायर किया है।

अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि युवती ने वर्ष 2023 में भी पवन सिकरवार के खिलाफ दुराचार और धमकी का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें उसने अपने बयान में कहा था कि उसके आरोपी से प्रेम संबंध थे। उसने क्रोध में आकर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन आरोपी ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया था।

युवती के बयान के आधार पर मुकदमे के विवेचक ने एफआर लगाकर अदालत में प्रेषित कर दिया था, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद युवती ने फिर से पवन सिकरवार के खिलाफ दुराचार का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था।

आरोपी पवन सिकरवार के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि युवती ने आरोपी को बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि युवती और आरोपी के बीच प्रेम संबंध थे, लेकिन जब आरोपी ने शादी से इनकार कर दिया तो युवती ने बदले की भावना से आरोपी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं। पवन के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को यह भी बताया कि पूर्व में दर्ज मुकदमे में पांच लाख रुपये वसूलने के बाद समझौता किया था। अब फिर से पांच लाख की मांग की गई। न देने पर मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई थी।

एडीजे 15 राजीव कुमार पालीवाल ने आरोपी के अधिवक्ताओं के तर्क को मानते हुए युवती का रिवीजन निरस्त कर दिया है। इस फैसले के साथ ही आरोपी पवन सिकरवार को बड़ी राहत मिली है।

 

SP_Singh AURGURU Editor