प्रकृति संवर्धन का संदेश देती है गोवर्धन पूजा, गौमाता के संरक्षण का जीवन में लें संकल्पः युवाचार्य अभिषेक
आगरा। प्रकृति का संरक्षण और संवर्धन हम करेंगे तो प्रकृति हमारा रक्षण करेगी। हम प्रकृति से हैं, प्रकृति के पांच तत्वों से हैं…गोवर्धन पूजा का ये महत्व बताया कथा व्यास युवाचार्य अभिषेक ने।

दयालबाग स्थित श्री बालाजी धाम आश्रम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा एवं फाल्गुन महोत्सव के पंचम दिन श्रीकृष्ण अवतार बाल लीला, गोवर्धन पूजा एवं छप्पन भाेग प्रसंग का वर्णन कथा का वर्णन हुआ। मुख्य यजमान कुंती चौहान, दैनिक यजमान एन रायजादा− मृदुल, दिनेश− राजकुमारी गुप्ता, अनूप− ललिता अग्रवाल, नवल किशाेर− अनीता, संगीता अग्रवाल(भाेपाल) ने व्यास पूजन किया।
कथा व्यास युवाचार्य अभिषेक ने श्रीकृष्ण लीला का मधुर कंठ से वर्णन किया तो भक्तों के नेत्र सजल हो उठे। उन्होंने दामोदर लीला का बखान करते हुए कहा कि कर्म की गति जब भक्ति की रस्सी से मथी जाती है तो मन से कलुषित विचार दूर हो जाते हैं और मन माखन जैसा निर्मल हो उठता है, जिसे श्रीकृष्ण प्रेम करते हैं। उन्होंने गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए कहा कि प्रकृति का संरक्षण हर मानव का परम कर्तव्य है। जो धरा हमारे सभी पापों का भार स्वयं पर धर रही है उसकी अनदेखी करना महापाप है। गौ माता का संवर्धन ही समाज का उत्थान बन सकता है। ये संदेश श्रीकृष्ण ने बहुत ही अल्पावस्था में दिया। तीनों लोक के दर्शन अपने मुख मंडल में मैया यशोदा को करवा दिए, ये प्रतीक है कि ब्रह्मांड हमारे स्वयं के भीतर है। गोवर्धन पूजा प्रसंग में मानसी गंगा हर गंगे…भजन की गूंज उठती रही।
अरविंद महाराज ने कथा प्रसंग के बाद जीवन उपयोगी बहुमूल्य उद्देश्य भी बताए। कहा कि भगवान किसी को मारते नहीं बल्कि तारते हैं। मनुष्य जिस भाव से भगवान का सुमिरन करता है भगवान उसी भाव से उसे अपने हृदय में बसा लेते हैं। कथा आयोजन के छठवें दिन सोमवार को फूलों की होली का आनंद बरसेगा।
कथा के मध्य हुए सुमधुर भजनों पर श्रद्धालुओं ने रासनृत्य किया।