सही गुरु न मिले तो हनुमान जी को अपना गुरु बना लीजिए

आगरा। जीवन में गुरु का बड़ा महत्व है। जब सही गुरू न मिले तो हनुमान जी को अपना गुरु बना लीजिए। आप गुरु ढूंढोगे तो चूक जाओगे। भगवान गुरु भेजेंगे तो उचित गुरू मिलेगा। जीवन में अगर कोई मुसीबत आए तो कोई और चरण और शरण मत ढूंढना। हनुमान जी के चरणों में जाकर शरण पाना, सब दुख दूर हो जायेंगे।

Feb 27, 2025 - 21:31
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सही गुरु न मिले तो हनुमान जी को अपना गुरु बना लीजिए
आरबीएस कॊलेज के सभागार में श्री हनुमत त्रिवेणी कथा में कथा कहते संत विजय शंकर मेहता महाराज। दूसरे चित्र में आरती करतीं महिला श्रद्धालु।

 -श्री हनुमत त्रिवेणी कथा के अंतिम संत विजय शंकर मेहता महाराज ने की हनुमान चालीसा की व्याख्या

यह कहना था श्री हरि सत्संग समिति द्वारा आरबीएस कॉलेज स्थित राव कृष्णपाल सिंह सभागार में आयोजित श्री हनुमत त्रिवेणी कथा के तीसरे और आखिरी दिन की कथा में संत पंडित विजय शंकर मेहता महाराज का, जो व्यास पीठ से हनुमान चालीसा केंद्रित महत्वपूर्ण व्याख्यान दे रहे थे।

उन्होंने बताया कि हनुमान जी ने कहा है कि उनके ऊपर माता का आशीर्वाद है जब हम अपनी माता को धरती पर ठेस पहुंचाते हैं तो घायल हमारा ऊपर बैठा हुआ भगवान हो जाता है। भगवान के मंदिर में जाएं तो तैयारी के साथ जाएं। हनुमान जी परम विद्वान हैं इसलिए आप याद रखो विद्या का कोई विकल्प नहीं है। संस्कार किसी स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी से नहीं मिलता है, यह घर परिवार से मिलते हैं।

उन्होंने कहा कि अपनी हैसियत के हिसाब से ज्यादा महंगे कपड़े नहीं पहनने चाहिए अपने हैसियत से ज्यादा महंगा खाना नहीं खाना चाहिए याद रखो शादी भी हैसियत से ज्यादा के परिवार में नहीं करनी चाहिए, लेकिन शिक्षा अपनी हैसियत से ज्यादा ही प्राप्त करनी चाहिए।

घरों के टूटने का कारण अहंकार है, इसको त्याग दीजिए

जीवन में मुस्कान बनाए रखने का आह्वान करते हुए संतश्री ने कहा कि प्रेम का रसपान कराने वाली मुस्कान कहीं खो गई है। आज इसको वापस प्राप्त कीजिए। मुस्कान दिलों की आशा है, अरमान है मुस्कान जब होठों पर आती है तो तीर कमान का काम करती है। भारत के घरों के टूटने का कारण अहंकार है इसे छोड़ दीजिए, जीवन बदल जायेगा।

उन्होंने कहा कि इंसान को सबसे बड़ी खुशी घर से ही मिलती है, घर ही बैकुंठ है। मौका आप चूकते हैं और दोष दूसरों को देते हैं। इसी क्रम में उन्होंने भजन सुनाया, "जीवन को रिश्तों से सजाना सीख लो, इन गहनों से सजना और संवरना सीख लो, मुस्काना सीख लो मुस्कुराना सीख लो...। भजन के दौरान भक्तजन भी झूमते नजर आए। आरती संग कथा का समापन हुआ।

आरती में मुख्य यजमान आशा मित्तल, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, डीजीसी (क्राइम) बसंत गुप्ता, डॉ. तरुण शर्मा, गोपाल गुप्ता (गुप्ता ओवरसीज), उमेश बंसल बालाजी, जीपी अग्रवाल, योगेश अग्रवाल गुड्डन भाई, पुरुषोत्तम अग्रवाल, केशवदत्त गुप्ता, तपन अग्रवाल, नितेश अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, संजय गोयल, भगवान दास बंसल, संजय मित्तल, प्रवीण सिंघल, राहुल हुंडी, महिला समिति की रश्मि सिंघल, सुषमा अग्रवाल, सीमा अग्रवाल, सीमा बंसल, अंशु अग्रवाल आदि शामिल थे। संचालन महिला समिति की डॉ. रुचि अग्रवाल ने किया।

SP_Singh AURGURU Editor