स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर जन्मदिन पर हुई संगीत संध्या, कलाकारों के साथ डॉक्टरों ने भी गुनगुनाए गीत
आगरा। स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के जन्मदिन पर हुई संगीत संध्या में संगीत की स्वर लहरियों में लोग झूमते रहे। उनके गाए हुए नाम गुम जाएगा..., चेहरा ये बदल जाएगा...., मेरी आवाज ही पहचान है.... शीर्षक के साथ सुरमई सप्तरंग सिंगर्स संस्था द्वारा 28 सितंबर को स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर की जन्म तिथि के अवसर पर एक संगीत शाम का आयोजन किया गया था।

संगीत संध्या का शुभारंभ मुख्य अतिथि विदुषी सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। गायन विधा को समर्पित इस कार्यक्रम को शहर के अनेक सुर साधकों व अनेक वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा भी इस अवसर पर गीत प्रस्तुत कर इस शाम को और यादगार बनाया गया।
लगभग 30 कलाकारों ने अपने गीतों से श्रोताओं को बार बार तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। संयोजक निकिता सिंह ने बताया गत वर्ष भी इसी प्रकार का आयोजन किया गया था। साथ ही आगे भी हर वर्ष इस प्रकार का आयोजन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
संरक्षक सुशील सरित ने लता मंगेशकर के जीवन के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। समन्वयक एवं मंच संचालक दिनेश श्रीवास्तव रहे।
गायकों ने गुनगुनाए यह गीत
निकिता सिंह और दिनेश श्रीवास्तव, कुसुम, पवन, सिद्धार्थ, संजय विश्वकर्मा, टिम्मा, मंजू, रेनू, रीना, अमर, विजय, एसएल गौतम, अरूण साहू ग्रुप, प्रमोद अग्रवाल, प्रमोद नाजकानी, बीएल बंधु आदि ने कैसी लग रही हूं मैं..., एक प्यार का नगमा..., मंजिलें अपनी जगह हैं, जब दीप चले आना..., क्या बात है ..., होठों से छू लो तुम ...., तुझे देखा तो ये जाना..., जब छाए मारा जादू..., तुम्ही मेरे मंदिर..., तेरा मेरा प्यार अमर..., जो तुमको हो पसंद..., तुझसे नाराज नहीं जिंदगी..., फूल का शबाब क्या..., मैं होश में था तो फिर...., वादियां मेरा दामन..., लूटे कोई मन का नगर आदिर् गीतों की प्रस्तुति से समां बांधा।