मां-बाप और बुआ ने दस साल की बच्ची को मारा था, उम्र कैद
बरेली। अपर जिला एंव सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अरविंद कुमार यादव ने 10 साल की एक बालिका की हत्या के मामले में उसके माता-पिता और बुआ को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इन तीनों ने बालिका की हत्या इसलिए कर दी थी क्योंकि वह अवैध संबंधों को उजागर करने की धमकी दे रही थी।

-घर में अवैध संबंधों की गतिविधियों को को उजागर करने की धमकी देने पर ली गई थी बालिका की जान
-मृतका के फुफेरे भाई ने लिखाई थी रिपोर्ट, उसी की गवाही पर कोर्ट ने तीनों को दोषी मानकर दी सजा
तीनों ने बच्ची की हत्या करने के बाद शव को घर में गाड़ दिया था। बुआ के बेटे की गवाही पर कोर्ट ने इन तीनों को सजा सुनाई।
एडीजीसी सचिन कुमार जायसवाल ने बताया कि 10 वर्ष की बच्ची की हत्या करने का जो कारण पता चला वह आरोपियों के परिवार में अवैध संबंधों से जुड़ा था। यह बच्ची हमेशा इसका विरोध करती थी और पूरे प्रकरण का खुलासा करने की धमकी देती थी। इसलिए बच्ची को रास्ते से हटा दिया गया।
जायसवाल ने बताया कि वारदात की रिपोर्ट मृतका के फुफेरे भाई सेरामऊ निवासी सूरज ने बरेली जिले के थाना इज्जतनगर में 20 अगस्त 2020 को धारा 302/201/34 के तहत लिखाई थी। सूरज ने उस समय पुलिस को बताया था कि उसकी उम्र करीब 17 वर्ष है और वह बचपन से ही मां के साथ अपने मामा के घर रहता है। रोजी-रोटी के लिए वह कर्मपुर चौधरी में करामत ठेकेदार के यहां कारपेंटर का काम करता है।
20 अगस्त 2020 की बात है। सूरज के मामा रवि बाबू ने करामत ठेकेदार को फोन कर कहा कि घर में पालतू कुतिया मर गई है। उसको उठाकर बाहर फेंकना है। सूरज को घर भेज दो। वह मामा के घर आलोक नगर गया और मामा की मर चुकी पालतू कुतिया को उठाकर बाहर फेंक आया। उसके बाद वह वापस जब दोबारा मामा के घर आया तो देखा कि उसके मामा रवि बाबू, मामी ऋतु और मां राधा देवी गाय वाले कमरे में उसकी ममेरी बहन काजल के शव को गड्ढ़ा खोदकर उसमें दबा रहे थे।
इस पर सूरज ने पूछा कि काजल को क्या हुआ? क्यों गड्ढे में दबा रहे हो? इस पर मामा-मामी ने बताया कि काजल तख्त पर बैठकर अपनी गर्दन खुजला रही थी कि अचानक गिर गई और उसकी मृत्यु हो गई, इसलिए काजल के शव को गड्ढे यहां दबा रहे हैं। ममेरी बहन की मौत की वजह सूरज को पची नहीं।
घटना के तीसरे दिन सूरज इज्जतनगर थाने पहुंचा और पुलिस को पूरी कहानी बताई। उसके शिकायती पत्र के बाद पुलिस ने बच्ची का शव कमरे के अंदर गड्ढे से बरामद कर लिया। एडीजीसी सचिन जायसवाल ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि किशोरी की कलाई की हड्डी दो जगह से टूटी हुई थी। शरीर पर घावों के 15 निशान थे।
अभियोजन पक्ष के इस सवाल का आरोपी पक्ष के पास कोई जवाब नहीं था कि नाबालिग बालक अपनी मां, मामा और मामी को झूठा क्यों फंसायेगा? अदालत ने दोषियों को उम्रकैद की सजा के साथ ही 90 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की आधी रकम वादी को दी जाएगी।
सचिन जायसवाल ने कोर्ट में सात गवाह पेश किए। बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि सूरज ने ही बच्ची को मार डाला और वह उनके पूरे परिवार को फंसाना चाहता है। इस पर कोर्ट में सवाल हुआ कि यदि ऐसा है तो बच्ची की मौत की जानकारी आरोपितों ने पुलिस को क्यों नहीं दी? वादी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज क्यों नहीं कराया?
इन सवालों का आरोपितों के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। पुलिस ने शव के अलावा खून से सनी छुरी व डंडा भी आरोपितों के घर के अंदर से बरामद किया।