आगरा में भी पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारी आक्रोश, अति हो चुकी है, संदेश देना चाहिए
आगरा। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल कश्मीर घाटी, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस दुखद घटना पर आगरा में भी शोक और आक्रोश है। स्थानीय नागरिकों, संगठनों और नेताओं ने इस बर्बर हमले की कड़ी निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने की जोरदार मांग की है। सभी का एक ही स्वर है, आतंकवाद को खत्म करने के लिए सख्त और निर्णायक कार्रवाई की जाए, ताकि ऐसी घटनाओं को दोहराया न जा सके।

पहलगाम का आतंकी हमलाः अति हो चुकी है, संदेश देना पड़ेगा- लोकस्वर
आगरा। लोकस्वर संस्था ने आज पहलगाम में हुई दिल दहला देने वाली उस घटना की कड़ी निंदा की है, जिसमें आतंकवादियों ने 27 निर्दोष लोगों की जान ले ली। संस्था ने सभी दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना भी की है।
लोकस्वर के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि सरकार को न केवल मृतकों के परिवारों को सहायता प्रदान करनी चाहिए, बल्कि इस घटना को अंजाम देने वालों को सजा देकर यह संदेश देना पड़ेगा कि भारत में आतंकवाद का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि हर चीज की अति होती है। एक न एक दिन पाप का घड़ा भरता है।
श्री गुप्ता ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से अपील की है कि आतंकवाद और आतंकवादी घटनाओं से निपटने के लिए एक सख्त बिल, नियम और कानून बनाया जाए, ताकि भविष्य में ऐसे कृत्यों को रोका जा सके। अन्यथा, अपराधियों के खिलाफ एनकाउंटर ऑपरेशन जैसी कड़ी कार्रवाइयां की जाएं, जिससे भारतीयों में आत्मविश्वास और सुरक्षा का अहसास हो।
कायर आतंकवादियों से निर्दोषों के खून की हर बूंद का बदला लिया जाए-ट्रांसपोर्ट चैंबर
शहर की व्यापारिक संस्था ट्रांसपोर्ट चेंबर वेलफेयर एसोसिएशन ने भी आतंकवादियों द्वारा हिंदुओं को निशाना बनाकर पाकिस्तान की सह पर किए गए इस अंधाधुंध हमले की कड़ी आलोचना की है। संस्था के अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता, सरदार अमरजीत सिंह ग्रेवाल, गिरीश अग्रवाल, गोबिंद बिंदल, महेश शर्मा, रमेशलाल गुप्ता, रामसेवक बिंदल, डी.डी. मित्तल, और मुकेश त्यागी ने कहा कि इस कायराना हमले में निर्दोष पर्यटकों को निशाना बना कर आतंकवादियों ने घाटी में फिर से डर का माहौल पैदा किया है।
संस्था ने एक बयान जारी कर सरकार से मांग की कि इस कायराना हमले में शामिल आतंकवादियों को बख्शा न जाए और मारे गए सभी निर्दोषों के खून की हर बूंद का बदला जल्द से जल्द लिया जाए। उन्होंने कहा कि यह कदम कश्मीर घाटी में आतंकवाद को समाप्त करने और शांति की पुनः स्थापना के लिए आवश्यक है।
हिंदुस्तानी बिरादरी ने कहा- पहलगाम की घटना भाईचारे पर हमला
आगरा। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के विरोध में हिन्दुस्तानी बिरादरी ने सोमवार को आपात बैठक आयोजित की। बैठक में वक्ताओं ने इसे भारत की एकता और सांप्रदायिक सौहार्द्र को तोड़ने की साज़िश बताया।
हिन्दुस्तानी बिरादरी के चेयरमैन श्री सिराज कुरैशी ने कहा, यह हमला हमारी साझी संस्कृति और भाईचारे पर हमला है। आतंकवादियों का यह कृत्य असफल होगा, और हर इंसाफपसंद आवाज़ को इसके खिलाफ खड़ा होना होगा।
विशाल शर्मा ने इसे विभाजनकारी सोच का पुनरावृत्ति बताया, जबकि सामी आग़ाई ने कहा कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता। विजय उपाध्याय ने भारत की साझा विरासत की रक्षा करने का संकल्प लिया, और ज़ियाउद्दीन ने आतंकवाद की हर विचारधारा को नकारा। बैठक में घायल लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए एक प्रस्ताव पारित कर देश की एकता और सांप्रदायिक सौहार्द की रक्षा का संकल्प लिया गया।
आगरा। राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा, महासचिव राजेंद्र गुप्ता सहित कई अधिवक्ताओं और कांग्रेस नेताओं ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे केंद्र सरकार की खुफिया और सुरक्षा विफलता करार दिया है। उनका कहना है कि इस दुर्दांत नरसंहार के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पूर्णतः जिम्मेदार हैं, जिन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा कि सरकार आतंकवाद पर नियंत्रण के दावे कर रही थी, लेकिन 28 श्रद्धालुओं की निर्मम हत्या ने उन सभी दावों की पोल खोल दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री पर मौन साधने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस मांग का समर्थन करने वालों में धीरज सत्य प्रकाश सक्सेना, बीएस फौजदार, प्रदीप चसोलिया, आरएस मौर्य, पवन शर्मा, सुरेश अमौरिया, उमेश जोशी, नवीन वर्मा, अमित शर्मा सहित कई अधिवक्ता शामिल रहे।
#पहलगाम #आतंकी हमला
जम्हूरियत, कश्मीरियत, इंसानियत का कत्ल
यह किस तरह का धर्म है, यह कौन सी है नस्ल
करने गए थे ख़ूबसूरत वादियों की सैर
लेकिन वहां गाली मिली, गोली मिली और बैर
कहने लगे, यह सिद्ध करो तुम नहीं हो ग़ैर
कलमा पढ़ो! आयत पढ़ो! गर चाहते हो ख़ैर
मत जाओ कश्मीर अब, करने कोई टूर
गुमसुम हैं सब वादियां, मौसम है बेनूर
कट्टरता सर पर चढ़ी, धर्म हो रहा चूर
मार रहा निर्दोष को मानव बेहद क्रूर
नाम पूछ कर मार दो, किसने दी ये सीख
घाटी-घाटी गूंजती हर आयत की चीख
बस्ती-बस्ती में आवारा मौसम है
तुम बचकर रहना हत्यारा मौसम है
इसकी बातों में मत आना तुम लोगो!
धोखा होगा यह बंजारा मौसम है
-कुमार_ललित
(उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा निराला पुरस्कार से सम्मानित कवि-गीतकार)