कोर्ट से सामने आएगा फतेहपुर सीकरी का सच, अगली सुनवाई तीन दिसम्बर वादी ने पेश किए दस्तावेज़
आगरा। चर्चित फतेहपुर सीकरी केस संख्या-1049/2024 (अजय प्रताप सिंह बनाम के.के. मोहम्मद आदि) की सुनवाई शुक्रवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन/FTC) मोहित कुमार के न्यायालय में हुई। इस दौरान वादी पक्ष ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त कई महत्वपूर्ण दस्तावेज न्यायालय में दाखिल किए, जो इस दावे को बल देते हैं कि फतेहपुर सीकरी वास्तव में एक प्राचीन हिन्दू नगर विजयपुर सीकरी था।
वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि यह दस्तावेज़ एएसआई के अभिलेखों में दर्ज प्रमाणिक साक्ष्य हैं, जिनसे यह सिद्ध होता है कि 10वीं शताब्दी में राजा विजय सिंह सिकरवार ने इस नगर की स्थापना की थी। उनके नाम पर ही इसका नाम ‘विजयपुर सीकरी’ पड़ा था, जिसे बाद में फारसी और उर्दू में ‘फतहपुर सीकरी’ कहा गया। कालांतर में इसका अपभ्रंश रूप ‘फतेहपुर सीकरी’ प्रचलन में आया।
अधिवक्ता ने बताया कि कुछ अन्य साक्ष्य अगली तिथि पर न्यायालय में दाखिल किए जाएंगे। माननीय न्यायालय ने अगली सुनवाई 3 दिसम्बर 2025 के लिए नियत की है।
यह मुकदमा लंबे समय से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत चर्चित है, क्योंकि इसमें भारत की धरोहर फतेहपुर सीकरी की ऐतिहासिक पहचान पर पुनर्विचार की मांग की जा रही है।




