नई दिल्ली में हलचलें तेज, राष्ट्रपति से मिले गृह और विदेश मंत्री, कई देशों के राजनयिकों संग बैठक

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देश की राजधानी दिल्ली में राजनीतिक और कूटनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। राष्ट्रीय नेतृत्व की गतिविधियों में अचानक आए बदलाव संकेत दे रहे हैं कि केंद्र सरकार इस हमले के जवाब में कुछ बड़ा उठाने जा रही है।

Apr 24, 2025 - 17:34
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नई दिल्ली में हलचलें तेज, राष्ट्रपति से मिले गृह और विदेश मंत्री, कई देशों के राजनयिकों संग बैठक
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करते गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर।  

पहलगाम में आतंकी हमले पर बीते कल भारत की सीसीएस ने अपनी बैठक में अटारी सीमा बंद  कर पाकिस्तान से सीमा पार आवागमन पूरी तरह रोक दिया था। सिंधु जल समझौता रद्द करने के साथ पाकिस्तान में भारतीय दूतावास की गतिविधियां सीमित करने समेत कई अहम फैसले लिए थे।

आज सुबह से ही राजधानी दिल्ली में हलचलें जोरों पर हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। प्रधानमंत्री का कानपुर दौरा, रक्षा मंत्री का लद्दाख दौरा और गृह मंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम अब स्थगित कर दिए गए हैं। सभी नेता दिल्ली में ही रुके हुए हैं। स्पष्ट है कि आतंकी हमले के बाद हालात की गंभीरता को शीर्ष स्तर पर लिया जा रहा है।

इस बीच, गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार दोनों मंत्रियों ने राष्ट्रपति को पहलगाम आतंकी हमले और उससे संबंधित अब तक की स्थिति की जानकारी दी।

विदेशी राजनयिकों को भी किया गया तलब

भारत सरकार ने इस आतंकी हमले को लेकर वैश्विक स्तर पर भी कूटनीतिक सक्रियता बढ़ा दी है। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, इटली, कतर, जापान, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस जैसे प्रमुख देशों के शीर्ष राजनयिकों को मंत्रालय मुख्यालय में आयोजित एक बैठक में बुलाया है। इन देशों को हमले की गंभीरता और अब तक के घटनाक्रम की जानकारी दी जा रही है।

बड़ा कदम तय माना जा रहा है

विशेषज्ञों का मानना है कि जिस तरह से भारत सरकार ने आतंकी हमले के बाद तेजी से राजनयिक और राजनीतिक मोर्चे पर कदम उठाए हैं, उससे यह स्पष्ट है कि कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में एक चुनावी रैली के दौरान इस हमले का उल्लेख करते हुए संकेत दिया था कि आतंकियों और इस हमले की साजिश करने वालों को ऐसी सजा दी जाएगी कि उन्होंने इसकी कल्पना भी नहीं की होगी। अब पूरे देश की निगाहें केंद्र सरकार की अगली रणनीति पर टिकी हैं।

SP_Singh AURGURU Editor