आगरा कॉलेज प्रिंसिपल तुरंत सुनवाई चाहते थे, हाई कोर्ट ने क्रोनिक फ्रॉड बताकर मना कर दिया

अपने खिलाफ दर्ज मुकदमा खारिज कराने को हाई कोर्ट पहुंचे आगरा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अनुराग शुक्ला को झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने इस मामले की तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है।

Oct 3, 2024 - 18:57
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आगरा कॉलेज प्रिंसिपल तुरंत सुनवाई चाहते थे, हाई कोर्ट ने क्रोनिक फ्रॉड बताकर मना कर दिया

अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को खारिज कराना चाहते हैं डॉक्टर अनुराग शुक्ला, उच्च शिक्षा मंत्री पर जड़े आरोप

आगरा। अपने खिलाफ थाना लोहामंडी में दर्ज हुई रिपोर्ट को खारिज करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट पहुंचे आगरा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अनुराग शुक्ला की याचिका को तुरंत सुनने से उच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया। 

2 दिन पहले ही यह बात सामने आई थी कि अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे के मामले में प्रिंसिपल डॉक्टर अनुराग शुक्ला हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं। 

आगरा के सीजेएम के आदेश पर दर्ज हुई एफआईआर को खारिज कराने के लिए डॉक्टर शुक्ला की ओर से याचिका पर तुरंत सुनवाई करने का आग्रह किया गया था। प्रिंसिपल डॉक्टर शुक्ला की ओर से याचिका में कहा गया है कि पूर्व में भी उन्हें गलत तरीके से निलंबित कर दिया गया था और वह उच्च न्यायालय के आदेश पर ही प्रिंसिपल पद पर काम कर रहे हैं। 

डॉ शुक्ला ने अपनी याचिका में यह भी बात कही है कि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय उन्हें गिरफ्तार कराना चाहते हैं, इसीलिए इस याचिका पर तुरंत सुनवाई किए जाने की जरूरत है। वे एक प्रतिष्ठित कॉलेज के प्रिंसिपल हैं।

डॉ अनुराग शुक्ला पर जिन 9 फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर प्राचार्य पद हासिल करने का आरोप लगा है, उनके बारे में भी प्रिंसिपल ने उच्च न्यायालय के समक्ष वह फॉर्म प्रस्तुत किया जो उन्होंने उच्च शिक्षा आयोग में दाखिल किया था। इस पर डॉक्टर अनुराग शुक्ला के प्रतिपक्ष सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष दल के वकील ने जस्टिस बीके बिरला को बताया कि डॉक्टर शुक्ला ने उच्च शिक्षा आयोग में दाखिल किए गए फॉर्म का आधा हिस्सा कोर्ट के समक्ष रखा है। ढल के वकील ने कोर्ट में पूरा फॉर्म प्रस्तुत किया और कहा कि इस फॉर्म से साबित होता है कि इन्होंने उच्च शिक्षा आयोग के समक्ष 9 फर्जी डॉक्यूमेंट दाखिल किए हैं। 

सुभाष दल के वकील द्वारा प्रस्तुत फॉर्म को देखने के बाद न्यायमूर्ति बीके बिरला ने इसे क्रोनिक फ्रॉड बताया और याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया। अब देखना यह है कि क्या डॉक्टर शुक्ला यह मामला त्वरित सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में ले जायेंगे।

ज्ञातव्य है कि विगत 27 अगस्त को सीजेएम कोर्ट से मुकदमे का आदेश जारी होने के कुछ घंटे बाद ही आगरा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अनुराग शुक्ला अपने परिवार सहित आगरा से बाहर चले गए थे। उन्होंने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लिया था। 2 दिन पहले यह बात खुली थी कि वह दर्ज मुकदमे के खिलाफ हाई कोर्ट में गए हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष दल के प्रार्थना पत्र सीजेएम ने प्रिंसिपल डॉक्टर शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। शायद सुभाष दल को भी यह अंदाजा था कि डॉक्टर शुक्ला हाई कोर्ट जा सकते हैं, इसीलिए उन्होंने पहले ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कैबिएट दाखिल कर दी थी।

SP_Singh AURGURU Editor