आगरा के एमडी जैन ग्राउंड पर इंद्रध्वज महामंडल विधान के आठवें दिन मांगलिक क्रियाएं
आगरा के हरीपर्वत स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर परिसर शुक्रवार को पुनः भक्ति, श्रद्धा और दिव्यता के रंगों में रंगा नजर आया। श्री इंद्रध्वज महामंडल विधान के आठवें दिन का आयोजन जहां धार्मिक ध्वनियों और पूजन-अभिषेक से गूंज उठा, वहीं श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से विश्व शांति और मंगल की कामना की।
आगरा। श्री इंद्रध्वज महामंडल विधान के आठवें दिन शुक्रवार को हरीपर्वत स्थित एमडी जैन इंटर कॉलेज ग्राउंड का वातावरण पूर्णतः धार्मिक उल्लास और आस्था से ओत-प्रोत हो गया। आचार्यश्री चैत्य सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में स्व. स्वरूपचंद जैन मारसंस की पावन स्मृति में मारसंस परिवार द्वारा आयोजित इस दिव्य विधान में प्रातः बेला में मांगलिक क्रियाएं विधिवत संपन्न की गईं।
मांगलिक क्रियाएं और पूजन-अभिषेक
विधानाचार्य डॉ. आनंद प्रकाश जैन शास्त्री के मंगल पाठ और वैदिक वेदध्वनियों के बीच श्रद्धालुओं ने भगवान का अष्टद्रव्य से पूजन-अभिषेक कर आत्मिक आनंद की अनुभूति की। इंद्र-इंद्राणियों ने 458 चैत्यालयों में 458 जिन प्रतिमाओं के समक्ष अर्घ्य अर्पित कर विश्व शांति और मंगल की कामना की।
धर्मसभा और प्रवचन
आचार्यश्री चैत्यसागर जी महाराज ने धर्मसभा में संबोधित करते हुए कहा कि धार्मिक क्रियाओं का सच्चा अर्थ तब है जब वह आत्मकल्याण के भाव से की जाए। उन्होंने कहा- संयम, सदाचार और सत्य का पालन ही जीवन का सबसे बड़ा धर्म है।
भक्ति संगीत और दीप आरती से निखरा वातावरण
सांयकालीन बेला में भक्ति संगीत की मधुर प्रस्तुति से पूरा परिसर भक्तिरस में डूब गया। मंगल आरती के समय दीपों की झिलमिलाहट और शंखनाद से वातावरण और भी अलौकिक बन गया। श्रद्धालुओं ने आरती के बाद प्रभु के जयकारों से गगन गुंजायमान कर दिया।
श्रद्धालु और समाज की सहभागिता
इस अवसर पर विमलेश कुमार जैन, उषा जैन, नितिन जैन, मेघना जैन, नीतू जैन, संजय जैन, नीलू जैन, शुभी जैन, अंजू जैन, राजेंद्र जैन, अशोक जैन, अमित सेठी, हुकम जैन सहित समस्त आगरा जैन समाज के श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।




