बांके बिहारी मंदिर को केंद्र ने दिया एफसीआरए लाइसेंस, विदेशी दान ले सकेगा मंदिर

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर को एफसीआरए लाइसेंस दे दिया है। यानी अब विदेशी भक्त मंदिर में खुलकर दान दे सकेंगे। मंदिर के संचालन के लिए कोर्ट द्वारा गठित प्रबंधन समिति ने इस लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था। कोर्ट की मंजूरी के बाद इस आवेदन की प्रक्रिया पूरी की गई।

Jan 25, 2025 - 14:15
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बांके बिहारी मंदिर को केंद्र ने दिया एफसीआरए लाइसेंस, विदेशी दान ले सकेगा मंदिर


कोर्ट द्वारा गठित प्रबंधन समिति के आवेदन के अनुसार, मंदिर के खजाने में बहुत सारी विदेशी मुद्राएं हैं और वे आगे भी विदेशों से दान प्राप्त करने का इरादा रखते हैं। बांके बिहारी मंदिर का प्रबंधन वर्तमान में कोर्ट द्वारा ही किया जा रहा है। इसके प्रबंधन के लिए कोर्ट ने एक समिति बनाई है, जो इसके कामकाज देखती है। मंदिर पहले निजी प्रबंधन के अधीन था। पुजारियों के परिवार द्वारा इसका प्रबंधन किया जाता था।

बांके बिहारी मंदिर का निर्माण 550 साल पुराना है। पीढ़ी दर पीढ़ी यहां पूजा अर्चना का काम और प्रबंधन पुजारियों के परिवारों द्वारा ही देखा जाता रहा है। सेवायत गोस्वामी, सारस्वत ब्राह्मण और स्वामी हरिदास के वंशज इस मंदिर को चलाते रहे हैं। राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद इस मंदिर का प्रबंधन कोर्ट द्वारा गठित समिति ही देख रही है।

राज्य सरकार के सूत्रों की मानें तो मंदिर के पास वर्तमान में सोने-चांदी और अन्य किमती सामानों के साथ ही 480 करोड़ रुपए का फंड है। इसमें विदेशी फंड भी शामिल है। इस विदेशी दान का उपयोग करने के लिए और आगे भी विदेशी दान प्राप्त करने के लिए मंदिर को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत रजिस्ट्रेशन की जरूरत थी। एफसीआरए, 2010 के तहत गैर सरकारी संगठन और समूहों को विदेश से किसी भी तरह का फंड हासिल करने के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया था।