पति को क्रूर पत्नी से अदालत ने दिलाया छुटकारा
आगरा। पत्नी के उत्पीड़न से त्रस्त एक पति का विवाह विच्छेद कर परिवार न्यायाधीश ने पति को राहत प्रदान की है।

वादी के मना करने पर पत्नी ने उसके साथ अभद्रता करना शुरू कर दिया। वर्ष 2013 में पुत्र का जन्म होने के बाद भी पत्नी के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया। देर से सोकर उठना आम हो गया था। घरेलू कार्य करने की कहने पर साफ मना करना शुरू कर दिया। यहां तक कि वह अपने बच्चे तक का ध्यान नहीं रखती थी। बच्चे को स्तनपान कराने की कहने पर वह फिगर खराब होने की कह साफ मना कर देती थी।
24 अप्रेल 2017 को उसकी पत्नी ने वादी के साथ गाली गलौज एवं मारपीट की। अंतरंग संबंधों की बात पर क्रूरतापूर्ण व्यवहार करती थी। 26 अप्रैल 2017 को पंचायत के माध्यम से हुए फैसले के अनुसार 25 लाख रुपये की एफडी एवं 25 हजार रुपये प्रति माह देने पर वह अपने मायके रहने लगी। पुत्र से नहीं मिलने देने पर वादी द्वारा विवाह विच्छेद हेतु याचिका प्रस्तुत की गई। पति के अधिवक्ता अवधेश शर्मा के तर्क पर परिवार न्यायाधीश तृप्ता चौधरी ने वादी को विवाह विच्छेद का आदेश दिया।