धनगर जाति प्रमाण पत्रः बहती गंगा में नेताओं ने भी हाथ धो लिए
आगरा। भला ऐसा कौन होगा जो बहती गंगा में हाथ नहीं धोना चाहेगा। फतेहाबाद तहसील से जारी हुए 18 धनगर जाति प्रमाण पत्रों के मामले का जो खुलासा हुआ है, उसके लाभार्थियों में भाजपा, और कांग्रेस के नेता भी हैं। कोई सदर क्षेत्र का निवासी है तो कोई एत्मादपुर तहसील का रहने वाला है। इन सभी को फतेहाबाद के वाजिदपुर गांव का निवासी बताकर अनुसूचित जाति के धनगर जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए।

-एत्मादपुर, सदर, शमसाबाद और सैंया के लोगों को फतेहाबाद के वाजिदपुर का निवासी दर्शाकर जारी किए प्रमाण पत्र
रिपोर्ट में जिन लोगों के द्वारा फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र हासिल करने का आरोप लगाया गया है, उनमें भाजपा नेता प्रेम सिंह बघेल भी हैं। प्रेम सिंह बघेल सदर तहसील के नगला तलफी (दयालबाग) गांव के निवासी हैं और बसपा सरकार में मंत्री रहे स्व. सेठ किशन लाल बघेल के पुत्र हैं। इनका गांव नगला तलफी है और आगरा शहर में रहते हैं। प्रेम सिंह बघेल बसपा के अलावा सपा में भी रह चुके हैं और आजकल भाजपा में हैं। इन्हें फतेहाबाद के वाजिदपुर गांव का निवासी दर्शाकर धनगर जाति प्रमाण पत्र जारी हुआ है। यही नहीं प्रेम सिंह बघेल की पुत्री खुशी का भी धनगर प्रमाण पत्र यहीं से बना है।
कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष तेज सिंह बघेल एडवोकेट का धनगर जाति प्रमाण पत्र भी वाजिदपुर गांव का निवासी बताकर फतेहाबाद तहसील से बनाया गया है। तेज सिंह बघेल मूल रूप से धनौली के निवासी हैं।
सैंया क्षेत्र के गांव छत्तापुरा झंडीपुर मजरा स्यारमऊ के निवासी सुभाष आगरा शहर में पश्चिमपुरी कॊलोनी में रहते हैं। फतेहाबाद के तत्कालीन चकबंदी लेखपाल राजीव कुमार ने सुभाष को भी गांव वाजिदपुर का बताकर उनका धनगर जाति प्रमाण पत्र जारी करवा दिया।
शमसाबाद क्षेत्र के गांव हिरनेर के निवासी भावना बलवीर भी लाभार्थियों में शामिल हैं। एत्मादपुर क्षेत्र के छलेसर स्थित महावीर ढाबा के मालिक महावीर सिंह के छोटे भाई मुनेश का भी फतेहाबाद से धनगर जाति प्रमाण पत्र जारी हुआ है।
इनके भी जारी हुए जाति प्रमाण पत्र
इसके अलावा श्रीनिवासी मेवली खुर्द (डौकी) का मझवार जाति प्रमाण पत्र, आस्था धनगर, सौम्या धनगर, मनोज बघेल, मुकेश चंद, रितिक पाल, शिवांगी पाल, अशोक कुमार, दिशा बघेल, आर्यन बघेल, मनोज कुमार आदि के धनगर जाति प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। इन सभी को वाजिदपुर का निवासी दर्शाया गया है।
वर्तमान में कानपुर में तैनात है लेखपाल राजीव
तहसीलदार द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जिस चकबंदी लेखपाल राजीव कुमार का जिक्र किया गया है, वह वर्तमान में कानपुर नगर जिले की बिल्हौर तहसील में पदस्थ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजीव कुमार ने आवेदकों से संलिप्तता कर जानबूझकर ये प्रमाण पत्र जारी किए हैं। राजीव कुमार को 9 जुलाई 2024 को फतेहाबाद से कार्यमुक्त किया गया था। कार्यमुक्ति से 15 दिन पहले एवं एक सप्ताह बाद तक उपरोक्त लोगों के प्रमाण पत्र जारी करने की आख्याएं प्रेषित की गईं। लेखपाल ने उपरोक्त प्रमाण पत्रों को वापस भी नहीं लिया।
रिपोर्ट के के अनुसार भावना पुत्री बलवीर निवासी हिरनेर नवादा खेड़ा का प्रमाण पत्र, लेखपाल राजीव कुमार ने यह जानते हुए भी जारी किया कि हिरनेर नवादा खेड़ा पर उसकी तैनाती नहीं है। यही नहीं, बलवीर सिंह ने अपना और अपने पिता का प्रमाण पत्र भी लाभ लेने के लिए बनवा लिया।
केवल एक लेखपाल ने किया ये कारनामा
रिपोर्ट में कहा गया है कि राजीव कुमार के अलावा अन्य किसी लेखपाल द्वारा दो वर्ष के कार्यकाल में मझवार अथवा धनगर जाति का कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया। इन तथ्यों से स्पष्ट है कि षडयंत्र के तहत लेखपाल राजीव कुमार ने लाभार्थियों से संलिप्तता कर उपरोक्त प्रमाण पत्रों को जारी करने की आख्या अपनी आईडी से ऒनलाइन प्रेषित की गई।
तहसीलदार का कहना है कि प्रमाण पत्रों की अधिवकता के कारण अधोहस्ताक्षरी के डिजिटल हस्ताक्षर डिवाइस द्वारा बल्क में प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। ये सारे प्रमाण पत्र लेखपाल राजीव कुमार और लाभार्थियों द्वारा षडयंत्र रचकर जारी कराए गए हैं।
निरस्तीकरण की भनक पर हुआ प्रदर्शन
फतेहाबाद के तहसीलदार ने एक तरफ जहां चकबंदी लेखपाल राजीव कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, वहीं दूसरी ओर गलत तरीके से जारी हो चुके प्रमाण पत्रों के निरस्तीकरण की कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है। इसी को लेकर विगत दिवस पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रबल प्रताप धनगर के नेतृत्व में फतेहाबाद तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया था।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जिन तहसीलदार ने प्रमाण पत्र जारी किए थे, अब वे ही उन्हें निरस्त करने की संस्तुति कर रहे हैं। प्रबल प्रताप सिंह धनगर ने चेतावनी दी है कि इसे न रोका गया तो समाज एक बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होगा। इस दौरान एक ज्ञापन तहसीलदार फतेहाबाद को सौंपा गया।