चुनाव आयोग का ऐलान, दूसरे फेज में 12 राज्यों में होगा एसआईआर
निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण की घोषणा की है।
नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण की घोषणा की है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इसका ऐलान किया। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में लगभग 51 करोड़ मतदाता शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के 5.33 लाख बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) और 7 लाख से अधिक बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) इस अभियान में भाग लेंगे। मुद्रण और ट्रेनिंग एक्टिविटीज 3 नवंबर तक जारी रहेंगी, इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर जाकर गणना की जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि ड्राफ्ट रोल 8 दिसंबर, 2025 को प्रकाशित किए जाएंगे, और 9 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच दावे और आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी। सुनवाई 31 जनवरी तक चलेगी और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी। गणना प्रक्रिया के बाद 9 दिसंबर को ड्राफ्ट रोल का प्रकाशन होगा, जबकि अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को जारी की जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि एसआईआर का पहला चरण बिहार में शून्य अपील के साथ पूरा हुआ। मौजूदा एसआईआर स्वतंत्रता के बाद से ऐसी नौवीं कवायद है, पिछला एसआईआर 21 वर्ष पहले 2002-04 में हुआ था। बहरहाल, 12 राज्यों में प्रक्रिया शुरू की जा रही है...इन राज्यों की लिस्ट देखें।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'जिन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कल से विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू होगा, वे हैं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप।'
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान वैध पहचान दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह नागरिकता, जन्म तिथि या निवास के प्रमाण के रूप में काम नहीं करता है।




