मेडिकल कॊलेज में शोध छात्रों को विशेषज्ञों ने समझाईं बारीकियां
आगरा। सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में अनुसंधान अनुदान लेखन पर मेडिसिन विभाग के एलटी-4 में आयोजित कार्यशाला में शोधकर्ताओं को प्रभावी शोध अनुदान प्रस्ताव लिखने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान किया गया।

कार्यशाला में अतिथि वक्ताओं की एक श्रृंखला में शामिल निदेशक, आईसीएमआर-एनआईसीपीएमआर नोएडा डॉ. शालिनी सिंह और निदेशक-प्रभारी, आईसीएमआर-जालमा डॉ. अवि के बंसल, वैज्ञानिक ईआईसीएमआर, जालमा डॉ. रुचिका गुप्ता, वैज्ञानिक ईआईसीएमआर-एनआईसीपीएमआर, नोएडा और इनहाउस संसाधन संकाय- डॉ. गीतू सिंह, डॉ. दिव्या श्रीवास्तव, डॉ. जीवी सिंह, डॉ. आशीष गौतम, डॉ. अखिल प्रताप सिंह और डॉ. नीतू चौहान द्वारा अनुसंधान अनुदान लेखन के विभिन्न पहलुओं पर उनकी विशेषज्ञता पर व्याख्यान दिए गये।
कार्यशाला के दौरान शामिल किए जाने वाले विषयों में शोध प्रश्नों को डिजाइन करना, प्रभावी शीर्षक लिखना, परिचय और तर्क देना और शोध उद्देश्यों के महत्व को समझाया गया। कार्यशाला अनुसंधान परियोजनाओं के वित्तपोषण और बजटीय पहलुओं के साथ-साथ अनुसंधान डिजाइन और आचरण में नैतिक विचारों पर भी अंतर्दृष्टि प्रदान की गयी।
कार्यशाला का आयोजन एसएन मेडिकल कॉलेज की वैज्ञानिक समीक्षा समिति (एसआरसी) की अध्यक्षा डॉ. दिव्या श्रीवास्तव और संस्थागत नैतिकता समिति (आईईसी) के मेम्बर सेकेट्री डॉ. गजेन्द्र विक्रम सिंह व उनकी टीम द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॊ. गीतू सिंह, सह आचार्या, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा किया गया।
डॊ. नीतू चौहान, सह आचार्य व विभागाध्यक्षा, ट्रांसफ्युशन मेडिसिन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। पूरे दिन की कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी पंजीकृत 70 प्रतिभागियों को भागीदारी का प्रमाण पत्र दिया गया।
सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में शोध को बढ़ावा देने की दृष्टि से कार्यशाला का आयोजन किया गया।