देश में पहली बार ग्लोबल एलिफेंट मास्टरक्लास, वाइल्डलाइफ एसओएस ने दी हाथियों की देखभाल की नई दिशा
आगरा। भारत की प्रतिष्ठित वन्यजीव संरक्षण संस्था वाइल्डलाइफ एसओएस ने देश की पहली ग्लोबल एलिफेंट मास्टरक्लास का सफल आयोजन किया। 10 दिनों तक चले इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में दुनिया भर से आए विशेषज्ञों, समर्थकों और साझेदारों ने भाग लिया। संस्था का उद्देश्य था- वैज्ञानिक दृष्टि से हाथियों की देखभाल, पुनर्वास और संरक्षण के नए आयामों को साझा करना तथा मानव–वन्यजीव सह-अस्तित्व की दिशा में ठोस कदम बढ़ाना।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने वाइल्डलाइफ एसओएस हाथी अस्पताल, हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र तथा भालू संरक्षण केंद्र, आगरा का दौरा किया। उन्होंने यहाँ आधुनिक पशु चिकित्सा उपचारों, उन्नत सुविधाओं और पुनर्वास प्रक्रियाओं का प्रत्यक्ष अनुभव किया। इसके साथ ही सामाजिक पुनर्वास और समुदाय-आधारित संरक्षण रणनीतियों पर भी प्रशिक्षण दिया गया।
संस्था के सह-संस्थापक एवं सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, हमारे हाथी अभयारण्य इन कक्षाओं के लिए सबसे उपयुक्त स्थान हैं, जहां लोग यह समझ सकते हैं कि बचाए गए हाथियों को कैसे स्वस्थ और स्वतंत्र जीवन दिया जाता है। यही वह जगह है जहाँ वे वर्षों की पीड़ा के बाद फिर से ‘हाथी बनना’ सीखते हैं।
रिसर्च एवं पशु चिकित्सा सेवाओं के निदेशक डॉ. ए. शा अरुण ने बताया कि यह मास्टरक्लास प्रतिभागियों को हमारे कार्य के वैज्ञानिक और मानवीय पहलू दोनों से परिचित कराता है, चाहे वह स्वास्थ्य मूल्यांकन हो, पौष्टिक आहार या व्यवहार संबंधी अध्ययन।
प्रतिभागियों ने सांस्कृतिक यात्राओं के माध्यम से भारत की विरासत को भी नजदीक से जाना। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (भरतपुर), ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी जैसे ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर उन्होंने संरक्षण और संस्कृति के संगम को महसूस किया।
यह कार्यक्रम ट्रैवल विद वाइल्डलाइफ एसओएस श्रृंखला का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत 2026 और 2027 में भी इनक्रेडिबिल इंडिया एडवेंचर के नाम से नए शैक्षिक और संरक्षण अनुभव आयोजित किए जाएंगे।




