एनकाउंटर प्रकरण में योगी के मंत्रियों का अखिलेश यादव पर चौतरफा हमला
लखनऊ। योगी सरकार के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक समेत कई कैबिनेट मंत्रियों ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर निशाना साधा। सुल्तानपुर डकैती प्रकरण पर उनके बयान को लेकर मंत्रियों ने आईना दिखाते हुए कहा कि अपराधी की कोई जाति नहीं होती है। सर्राफा एसोसिएशन ने भी सुल्तानपुर डकैती के खुलासे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस की तारीफ की है। इन लोगों ने पूछा कि अब अखिलेश यादव बताएं मंगेश अपराधी था कि नहीं। वह किसी अपराधी को लेकर भला कैसे प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सुल्तानपुर की घटना में सरकार ने गंभीरता से जांच कराई है। तथ्यों पर जानकारी एकत्र की है, जो लोग वांछित थे सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन निकाल, वांछित लोगों की पहचान कर कार्रवाई की। सुल्तानपुर की घटना हो या प्रदेश की अन्य घटना, सपा हमेशा अपराधियों के समर्थन में रही है। जिसके यहां अपराध हुआ उस ज्वेलर्स के समर्थन समाजवादी पार्टी के मुखिया की तरफ से एक भी शब्द नहीं निकले।
कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि सुल्तानपुर एनकाउंटर के बारे में विपक्ष के लोग उल्टा-पुल्टा बयान दे रहे हैं। अपराधी की कोई जाति नहीं होती है। इनकी सरकार में अखिलेश निषाद को मार दिया गया था। उन्होंने कहा कि अयोध्या मछुआ समुदाय के लिए ऐतिहासिक जगह है। अयोध्या में गोली चलाने वाले उसके विकास को क्या जानेंगे।
कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि योगी सरकार जाति के आधार पर काम नहीं करती है। आखिर अखिलेश यादव किसी अपराधी को लेकर कैसे प्रेस कांफ्रेंस करते हैं जबकि आज प्रदेश के लॉ एंड आर्डर को लेकर हर जगह सराहना हो रही है।
पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सर्राफा एसोसिएशन ने सुल्तानपुर डकैती के खुलासे पर पुलिस की तारीफ है। अब अखिलेश यादव ही बताएं कि वह अपराधी था या नहीं। ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव से पूछा कि सिपाही शैलेष राजभर को गोली किसने मारी, यह जवाब भी मिलना चाहिए।
योगी सरकार के खेल मंत्री गिरीश चंद यादव भी सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर खूब बिफरे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अपराधी के बचाव में खड़े होते हैं। यह देश-प्रदेश के लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। आखिर राजनीति को वे किस दिशा में ले जाना चाहते हैं।
अखिलेश के बयान को आड़े हाथ लेते हुए यादव ने कहा कि मठ-मंदिर सनातन धर्म को जीवंत पर्यंत बनाए रखते हैं। उन्हें अपराध करने वालों की श्रेणी में रखकर तुलना करने से हास्यास्पद कुछ नहीं हो सकता। अखिलेश यादव से इसके अलावा और कोई उम्मीद भी नहीं की जा सकती।