ग्रेटर आगरा पुनर्जीवित, आगरा को आज इसकी सौगात दे सकती है योगी कैबिनेट
आगरा। इनर रिंग रोड के किनारे आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा ग्रेटर आगरा बनाने की बहुप्रतीक्षित आवासीय परियोजना को आज कैबिनेट की हरी झंडी मिल सकती है। महाकुम्भ में आज यूपी कैबिनेट की बैठक होने जा रही है। इसमें ग्रेटर आगरा का प्रस्ताव अगर पास हो जाता है तो इस परियोजना को एक बार फिर से पंख लग जाएंगे।

-उसी जमीन पर टाउनशिप का प्रस्ताव, जिसकी वापसी के लिए किसानों ने इनर रिंग रोड जाम किया था
-आज प्रयागराज महाकुंभ में होने जा रही कैबिनेट की बैठक में हरी झंडी मिलने की उम्मीद
संकेत हैं कि प्रयागराज महाकुंभ नगर में आज होने जा रही योगी कैबिनेट की बैठक में आगरा के रायपुर, रहनकलां और एत्मादपुर मदरा गांव में नई आवासीय परियोजना का प्रस्ताव आ सकता है। यह प्रस्ताव कोई नया नहीं बल्कि बहुत पुराना है जिसे ग्रेटर आगरा के नाम से तैयार किया गया था।
गौरतलब है कि आगरा विकास प्राधिकरण ने इनर रिंग रोड के किनारे स्थित रायपुर, एत्मादपुर मदरा और रहनकलां की करीब 650 हेक्टेयर जमीन पर ग्रेटर आगरा बसाने की योजना तैयार की थी। इसके लिए प्राधिकरण ने किसानों को करीब 150 हेक्टेयर जमीन का मुआवजा भी दे दिया था। प्राधिकरण बाकी जमीन खरीदने के लिए बैंक से लोन लेने की तैयारी कर रहा था। इस बीच प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का तबादला हो गया। इधर बैंक से भी लोन नहीं मिल पाया। इस वजह से मामला खटाई में पड़ गया।
कुछ समय पहले ही प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के सभी विकास प्राधिकरणों को अपने-अपने जिलों में नई टाउनशिप बनाने के निर्देश दिये थे। इसी क्रम में आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने ककुआ-भांडई के बीच टाउनशिप का प्रस्ताव शासन को भेज दिया जबकि पहले से प्रस्तावित ग्रेटर आगरा के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
पहले पास किया था जमीन वापसी का प्रस्ताव
ग्वालियर रोड पर एडीए की नई टाउनशिप के लिए शासन से पैसा मिलने के साथ ही विकास प्राधिकरण ने इनर रिंग रोड के सहारे रहनकलां और रायपुर की 442 हेक्टेयर जमीन वापसी का प्रस्ताव बोर्ड से पास कराकर शासन को भेज दिया। किसानों की मांग पर प्राधिकरण ने ये फैसला किया।
अब जमीन अपने पास ही रखेगा एडीए
पिछले दिनों इन दोनों गांवों के किसानों ने जमीन वापसी की मांग को लेकर इनर रिंग रोड पर कब्जा कर लिया था। इससे आगरा से लेकर लखनऊ तक खलबली मच गई थी। बाद में विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने किसानों को लखनऊ ले जाकर उनकी मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कराई थी। इसके बाद ही किसानों ने धरना समाप्त किया था।
किसानों से सीएम की बातचीत के बाद ही शासन ने तत्कालीन कमिश्नर और एडीए वीसी को लखनऊ तलब कर लिया था। वरिष्ठ अधिकारियों ने जमीन वापसी का प्रस्ताव एडीए बोर्ड से पास कराकर शासन भेजने पर कमिश्नर से नाराजगी जताई थी। लखनऊ से लौटते ही कमिश्नर ने बोर्ड की आपात बैठक बुलाकर जमीन का मुआवजा देकर पहले से अधिग्रहीत जमीन को अपने पास ही रखने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया था।
साथ ही यहां पर आवासीय योजना लाने का प्रस्ताव भी भेज दिया। समझा जा रहा है कि आज इसी प्रस्ताव पर योगी कैबिनेट फैसला लेने जा रही है। उम्मीद है कि आगरावासियों को प्राधिकरण की एक और आवासीय योजना इनर रिंग रोड के किनारे ग्रेटर आगरा के नाम से मिल जाएगी।