जिसके पास प्रेम धन है वह निर्धन नहीं हो सकता

आगरा। दयालबाग स्थित श्रीबालाजी धाम आश्रम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा एवं फाल्गुन महोत्सव के अंतिम दिन कथा व्यास युवाचार्य अभिषेक ने विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया।

Mar 11, 2025 - 18:22
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जिसके पास प्रेम धन है वह निर्धन नहीं हो सकता
दयालबाग स्थित श्रीबालाजी धाम आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन भगवान श्रीकृष्ण-सुदामा की कथा का अमृतपान कराते युवाचार्य अभिषेक।

− श्रीबालाजी धाम आश्रम, दयालबाग में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ने लिया विश्राम

कृष्ण की अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मां देवकी को वापस देने, सुभद्रा हरण का आख्यान एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए, यह श्रीकृष्णा और सुदामा की कथा से हमें सीखने को मिलता है। कथा व्यास ने कहा कि सुदामा से भगवान ने मित्रता का धर्म निभाया और दुनिया के सामने यह संदेश दिया कि जिसके पास प्रेम धन है वह निर्धन नहीं हो सकता। 

राजा हो या रंक मित्रता में सभी समान हैं और इसमें कोई भी भेदभाव नहीं होता। इस प्रसंग को सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। श्रोताओं ने सुदामा और कृष्ण की झांकी पर फूलों की वर्षा की। 

कथा विश्राम से पूर्व प्रातः काल आचार्य देवेश शर्मा और आशीष शर्मा के मार्गदर्शन में मुख्य यजमान कुंती चौहान, दैनिक यजमान राजकुमार सक्सेना, एएन रायजादा, किशोर अग्रवाल, दिनेश गुप्ता, अनूप अग्रवाल, अवधेश पचौरी, अरुण गोस्वामी, राजपाल शर्मा, पवन अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, रविंद्र गोयल, मनीष अग्रवाल (सपत्नी), नीलम, शशि, शालिनी, रुचि आदि ने हवन में पूर्णाहुति दी। जिला पंचायत अध्यक्ष हाथरस सीमा उपाध्याय, बृजेश उपाध्याय, संतोष उपाध्याय ने आरती की।

अरविंद महाराज ने कथा प्रसंग के बाद कहा कि श्रीमद् भागवत कथा से जीव में भक्ति ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके सुनने मात्र से ही व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। कथा विश्राम पर देर रात तक प्रसादी चलती रही।