जनता अब आपकी बात नहीं सुनतीः सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने विपक्ष को दिखाया आईना, कहा- महाकुम्भ को लेकर आपकी नकारात्मक बातों को प्रदेश और देश की जनता ने नकारा। सीएम योगी ने नाविकों की सक्सेस स्टोरी का भी किया उल्लेख, कहा- एक नाविक परिवार ने 45 दिनों की अवधि में की 30 करोड रुपए तक की कमाई। मुख्यमंत्री बोले- आप वोट बैंक की बात करते हैं और हम विरासत और आस्था की बात कर रहे हैं इसलिए जनता हमारे साथ है। महाकुम्भ के लिए किया गया गया खर्च सिर्फ कुम्भ के लिए नहीं, बल्कि प्रयागराज जैसी पौराणिक सिटी के सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए भी था। जिस श्रंग्वेरपुर पर आप कब्जा करवा रहे थे, वहां हमने भगवान राम और निषाद राज की गले मिलती प्रतिमा स्थापित कर त्रेतायुग की स्मृति को जीवंत किया। 45 दिनों में 66 करोड़ 30 लाख से अधिक श्रद्धालु और बड़ी संख्या में महिलाएं प्रयागराज आईं, लेकिन कानून व्यवस्था का एक भी मामला सामने नहीं आया।

Mar 4, 2025 - 20:30
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जनता अब आपकी बात नहीं सुनतीः सीएम योगी


लखनऊ। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट पर चर्चा करते हुए समाजवादी पार्टी को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का आयोजन उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य को देश के सामने और दुनिया के सामने रखने में सफल हुआ है। आपका कितना भी दुष्प्रचार था वह भारत की आस्था को कहीं डगमगा नहीं पाया। आपकी इन नकारात्मक बातों पर ना प्रदेश की जनता को और ना ही देश की जनता को ही विश्वास था। ये आपके लिए उल्टी गिनती है कि जनता अब आपकी बातों को सुनना ही बंद कर दी है। सीएम ने कहा कि सरकार ने इस आयोजन से जुड़कर 7.5 हजार करोड रुपए खर्च किए थे। यह खर्च सिर्फ कुम्भ के लिए नहीं था, बल्कि प्रयागराज जैसी पौराणिक सिटी के सस्टेनेबल डेवलपमेंट की रूपरेखा तैयार करने का भी माध्यम था। प्रयागराज महाकुम्भ के बहाने इस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर देने में हम सफल हुए। 200 से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण हुआ, 14 फ्लाईओवर बने, 9 अंडर पास बनाए गए, 12 कॉरिडोर बने। श्रंग्वेरपुर में भगवान राम और निषाद राज की गले मिलती प्रतिमा स्थापित कर कॉरिडोर बनाया, जिस पर आप कब्जा करवा रहे थे और हमने कॉरिडोर बनवाकर त्रेतायुग की स्मृति को जीवंत करने का कार्य करवाया है।  आपके लिए यह वोट बैंक था, हमारे लिए विरासत थी, बस अंतर यही है कि हम विरासत की बात कर रहे हैं, आस्था की बात कर रहे हैं इसलिए जनता हमारे साथ है। 

45 दिन में एक भी घटना नहीं घटी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम लोग सामान्य बजट पर चर्चा में भाग ले रहे हैं तब प्रयागराज का महाकुम्भ अपनी भव्यता, दिव्यता और अपनी विरासत को आने वाली पीढ़ी के लिए छोड़कर संपन्न हो चुका है। आप कानून व्यवस्था की बात कर रहे थे। 45 दिनों में 66 करोड़ 30 लाख से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक देश और दुनिया से प्रयागराज आए. 66 करोड़ में से आप मान कर चलिए कि कम से कम आधी आबादी तो महिलाओं की रही होगी, क्योंकि महिलाएं ज्यादा धार्मिक होती है। एक भी छेड़खानी की घटना नहीं हुई, एक भी अपहरण की घटना नहीं, एक भी लूट की घटना नहीं, एक भी हत्या की घटना नहीं, एक भी ऐसा उदाहरण नहीं जो उत्तर प्रदेश को या भारत को या सनातन धर्मावलंबियों को कटघरे में खड़ा करता हो। 

विदेशी मीडिया भी महाकुम्भ को देखकर हुआ अभिभूत
सीएम योगी ने कहा कि अक्सर हम देखते हैं कि भारत के बारे में विदेशी मीडिया बहुत नकारात्मक टिप्पणी करता है। विदेशी मीडिया ने इस बार महाकुम्भ के बारे में जो टिप्पणी की है उसे जानना चाहिए। वॉल स्ट्रीट जनरल ने लिखा कि यह एक ऐसा आयोजन था जहां अमेरिका की कुल आबादी से ज्यादा लोग जुटे। बीबीसी ने लिखा, महाकुंभ मानवता का सबसे बड़ा समागम था। एक्सप्रेस ट्रिब्यून कहता है कि यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समारोह रहा। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि इस महाआयोजन में न केवल श्रद्धालु और पर्यटक, बल्कि नेता और हस्तियां भी पहुंची थीं। राइटर ने इसे डिजिटल कुम्भ बताया। इसमें व्यवस्था बनाने के लिए तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया था। 

जो कोई नहीं कर सकता, वह भारत ने करके दिखाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सबसे प्रतिष्ठित एक पत्रकार ने अपनी टिप्पणी में कहा कि महाकुम्भ का आयोजन इतने बड़े पैमाने पर करना एक बड़ी हिम्मत का काम था और यह हिम्मत उत्तर प्रदेश सरकार ने दिखाई। यह आयोजन कितना सफल हुआ यह चमत्कार से कम नहीं। जब करोड़ों लोग एक साथ एक जगह पर आते हैं तो रिस्क होता है, महाकुम्भ के इस महा आयोजन ने यह साबित कर दिया है की यदि इच्छा शक्ति हो तो 66 करोड लोगों को मैनेज किया जा सकता है। टेक्नोलॉजी का ठीक से इस्तेमाल किया जाए तो सिक्योरिटी प्रोवाइड की जा सकती है। कम्युनिकेशन स्किल हो तो करोड़ों लोगों के आने-जाने का इंतजाम हो सकता है। लोगों का सहयोग मिले तो रोज लाखों लोगों के खाने का इंतजाम किया जा सकता है। हमेशा डराने वाली पुलिस का व्यवहार दोस्ताना हो सकता है। 

आर्थिक रूप से भी सफल रहा महाकुम्भ 
मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ के आर्थिक पक्ष की भी चर्चा करते हुए कहा कि 2019 में काशी विश्वनाथ धाम और 2020 में राम मंदिर के बाद प्रयागराज महाकुम्भ इसके चरम उत्कर्ष रूप के रूप में देश और दुनिया के सामने आया है। विरासत और विकास के साथ आस्था को आर्थिकी के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है, इसके कुछ उदाहरण भी हैं। जिसमें कैट ने स्वयं कहा है कि महाकुम्भ में लगभग 3 लाख करोड़ से ज्यादा का व्यापार हुआ है। महाकुम्भ 2025 प्रदेश की अर्थव्यवस्था को साढे तीन लाख करोड रुपए के लाभ का अनुमान है और प्रयागराज और आसपास के जनपदों को इसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ है। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वर ने भी कहा है कि महाकुम्भ के कारण उपभोग खर्च में तेज बढ़ोतरी की उम्मीद है। 

यूपी में डिजिटल क्रांति हुई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में डिजिटल क्रांति आई है। 2017-18 में 122.84 करोड़ का डिजिटल ट्रांजेक्शन था। 2024-25 में बढ़कर (दिसंबर 2024 तक) 1024.41 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन यूपी से हुआ है। डिजिटल लेनदेन में यूपी देश में नंबर एक है। आधे से अधिक लेनदेन यूपीआई के माध्यम से हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन यह दिखाता है कि डिजिटल बैंकिंग आसान हुई है। गांवों तक इंटरनेट, वाई-फाई की सुविधा मिली है। वित्तीय जागरूकता व उपक्रमों की पर्याप्त संख्या उपलब्ध हुई है। सीएम ने बताया कि बैंकों की संख्या 20416, बैंक मित्र व बीसी सखी चार लाख 932, 18747 एटीएम तथा चार लाख 40 हजार बैंकिंग केंद्रों के माध्यम से प्रदेशवासियों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। 

डीबीटी ने भ्रष्टाचार की कमर पर किया सबसे कठोर प्रहार
सीएम योगी ने कहा कि डीबीटी ने भ्रष्टाचार की कमर पर सबसे कठोर प्रहार किया है। डीबीटी बजरंग बली की गदा है, जो बेईमानी व भ्रष्टाचार पर कठोर प्रहार कर रही है। डीबीटी में लाभार्थी का पैसा सीधे खाते में पहुंच रहा है। 11 विभागों की 207 योजनाएं (113 केंद्रीय व 94 राज्य सेक्टर) हैं। प्रदेश में एक वर्ष में 9 करोड़ 8 लाख से अधिक लोगों तक एक लाख 11 हजार 637 करोड़ का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया गया है। 

अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है बैंकिंग तंत्र
सीएम योगी ने कहा कि बैंकिंग तंत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है। 2016-17 में यूपी में बैंकों में 12 लाख 75 हजार करोड़ रुपये जमा होते थे, जबकि 2024-25 में यह राशि 29 लाख 66 हजार करोड़ रुपये हो गई यानी सवा दो गुने से अधिक जमा हुए हैं। 2016-17 में प्रदेश का सीडी रेसियो मात्र 44-45 फीसदी था, जो बढ़कर आज 61 फीसदी पहुंचा है। 

मजबूत हो रही यूपी की अर्थव्यवस्था
सीएम ने बताया कि आरबीआई बुलेटिन में उन्होंने कहा कि बैंक व वित्तीय संस्थाओं से प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के लिए फंड आकर्षित करने में 16.2 प्रतिशत की रेट से यूपी देश में शीर्ष पर है। प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत संपूर्ण वित्तीय समावेशन की योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना व अटल पेंशन स्कीम में यूपी नंबर एक पर है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में यूपी नंबर दो और पीएम स्वनिधि योजना में स्ट्रीट वेंडर्स को सर्वाधिक ऋण देने में यूपी देश में प्रथम है। सर्वाधिक आयकर रिटर्न भरने वालों में यूपी देश में नंबर दो पर आ चुका है। हमारे यहां इनकम टैक्स रिटर्न भरे जा रहे हैं। इसका प्रमाण है कि यूपी की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। 

पिछले सात-आठ वर्ष के अंदर लगातार घटी है बेरोजगारी दर 
सीएम योगी ने प्रदेश के अंदर बेरोजगारी दर पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में बेरोजगारी दर 17 से 19 फीसदी थी, लेकिन पिछले सात-आठ वर्ष के अंदर यह लगातार घटी है। 2023-24 में बेरोजगारी दर 3.4 फीसदी है। देश के अंदर अन्य राज्यों की बेरोजगारी दर अलग-अलग है। जम्मू-कश्मीर में 6.7 फीसदी, केरल में 7 फीसदी, पंजाब में 6.1 फीसदी व हिमाचल प्रदेश में 4.3 फीसदी है। सीएम ने तंज कसते हुए बताया कि 20 करोड़ बेरोजगारी भत्ता बांटने के लिए समाजवादी पार्टी ने समारोह के आयोजन में ही 15 करोड़ रुपये खर्च कर दिए थे।

वर्तमान बजट लोक कल्याण संग अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की सरकार की प्रतिबद्धता को है दर्शाता
सीएम योगी ने कहा कि वित्तीय वर्तमान वर्ष 2025-26 का बजट सनातन संस्कृति की सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा के अनुरूप गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न को साकार करते हुए 'वंचित को वरीयता' इस बजट का केंद्रीय भाव है। बजट से अंत्योदय से उन्नत अर्थव्यवस्था तक, ईज ऑफ़ लिविंग से ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस तक, कृषि से गरीब कल्याण तक, आस्था से आजीविका तक, शिक्षा से स्वावलम्बन तक, संस्कृति से समृद्धि तक और महिला सशक्तिकरण के संकल्प को समवेत करते हुए एक विकसित उत्तर प्रदेश की राह मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025-26 के बजट आकार 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ रुपये से अधिक का है। 

प्रदेश स्वयं के कर की राजस्व प्राप्तियों में वर्ष 2022 से 2025 के दौरान सभी राज्यों में दूसरे स्थान पर रहा 
सीएम ने प्राप्तियों के बारे में बताया कि  2016-17 में कुल राजस्व प्राप्तियां 2 लाख 56 हजार 875 करोड़ रुपये हुईं थीं जबकि चालू वित्तीय वर्ष के जनवरी माह तक ही 4 लाख 10 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हो चुका है। इसी तरह आगामी वर्ष में कुल प्राप्तियां 7 लाख 79 हजार 242 करोड़ रुपये अनुमानित है। कुल प्राप्तियों में 6 लाख 62 हजार 690 करोड़ 93 लाख रुपये की राजस्व प्राप्तियां तथा 1 लाख 16 हजार 551 करोड़ 72 लाख रुपये की पूंजीगत प्राप्तियां सम्मिलित हैं। राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 5 लाख 50 हजार 172 करोड़ 21 लाख है। इसमें केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 2 लाख 55 हजार 172 करोड़ 21 लाख सम्मिलित है। वहीं स्वयं का कर राजस्व 2 लाख 95 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है। 


नीति आयोग की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रण्ट रनर राज्य की श्रेणी में रखा गया
सीएम ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल व्यय 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये अनुमानित है। कुल व्यय में 5 लाख 83 हजार 174 करोड़ 57 लाख रुपये राजस्व लेखे का व्यय है तथा 2 लाख 25 हजार 561 करोड़ 49 लाख रुपये पूंजी लेखे का व्यय है। पूंजीगत व्यय कैपिटल एक्सपेंडिचर विकासात्मक खर्च है, जो इकॉनमी की दिशा तय करता है। इससे उद्योग प्रोत्साहित होते हैं, सप्लाई चेन बेहतर होती है, निजी निवेश बढ़ता है और इन सबसे रोजगार का सृजन होता है। निर्माण और रोजगार सृजन के इस समन्वय से सस्टनेबल और फास्ट ग्रोइंग इकोनामी आकार लेती है। बजट में कुल व्यय में 2 लाख 25 हजार 561 करोड़ 49 लाख रुपये कैपिटल एक्सपेंडिचर सम्मिलित है, जो कुल बजट का लगभग 20.5 प्रतिशत है। सीएम ने कहा कि इस बार बजट में कई नई योजनाएं सम्मिलित की गई हैं। इसके लिए 28 हजार 478 करोड़ 34 लाख रुपये का प्रावधान है।
वर्ष 2016-2017 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय मात्र 52,671 रुपये थी जबकि यह वर्ष 2023-2024 में 93,514 रुपये के स्तर पर है।