राहुल गांधी ने पीएम पर दिए बयान को लेकर माफी मांगी
राहल ने कहा कि विदेश मंत्री ने अमेरिका से आग्रह किया कि हमारे पीएम को ट्रंप के शपथग्रहण में बुलाया जाए लेकिन उनकी बात अमेरिका ने नहीं सुनी। इसी बयान को लेकर उन्हें माफी मांगनी पड़ी। संसद के दोनों सदनों में महाकुंभ भगदड़ को लेकर भारी हंगामा, राज्यसभा से विपक्ष ने किया वाकआउट।

नई दिल्ली। बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में बोलेते हुए राहुल गांधी बदले-बदले से नजर आए। राहुल गांधी ने आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कुछ ऐसा बोला कि सत्ता पक्ष ने उन्हें घेर लिया। दरअसल, राहुल ने अपने भाषण में कहा कि देश के विदेश मंत्री अमेरिका जाते हैं और वहां आग्रह करते हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण में हमारे पीएम को बुलाया जाए।
राहुल के इस बयान के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू जवाब देने के लिए उठे। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता को बिना किसी सबूत के ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए। ये दो देशों का मुद्दा है। ये विदेश नीति का मामला है। रिजिजू ने कहा कि वो विपक्ष के नेता हैं। उन्हें जिम्मेदार होना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता के पास भले ही किसी स्रोत से ऐसी जानकारी हो, जो उन्होंने कहा है तो उसे सदन में रखना चाहिए। इस हंगामे के बाद राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा कि मैं आपकी दिमागी शांति भंग करने के लिए माफी मांगता हूं। मैं ये सवाल को उठाने के लिए माफी मांगता हूं। आई एम सॉरी। इसपर रिजिजू ने कहा कि आपने सदन में झूठ बोला है। इसके लिए माफी मांगों। आपको देश के मामले में तो एक होना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि विपक्ष के नेता को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। गंभीर विषय पर चर्चा चल रही है।
उसके बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति का अभिभाषण पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैंने राष्ट्रपति का अभिभाषण हमेशा एक ही किस्म का सुना है। इनके द्वारा किए गए कामों की एक ही सूची है। इस सरकार ने लगभग 50-100 काम ही किए होंगे, मुझे लगता है कि राष्ट्रपति का अभिभाषण ऐसा नहीं होना चाहिए था जैसा दिया गया है। ऐसा बहुत कम होता है कि कोई अपनी ही पार्टी की सरकार की कमी संसद में सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करे। राहुल ने कहा कि सरकार यूपीए की हो या एनडीए की, बेरोजगारों की कोई नहीं सुनती।
उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया अच्छी पहल है, लेकिन फेल हो गई। मैं नहीं कहूंगा कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने मेक इन इंडिया को सफल बनाने के लिए प्रयास नहीं किया, लेकिन वो इसमें असफल रहे। राहुल ने मेक इन इंडिया पहल को असफल बताते हुए भी प्रधानमंत्री की मंशा पर सवाल खड़ा नहीं किया बल्कि उन्होंने यह माना कि पीएम ने प्रयास तो किए ही होंगे। भारत को उत्पादन पर पूरा ध्यान देना होगा। अगर हम सिर्फ खपत पर ध्यान देंगे और उत्पादन पर नजर नहीं रहेगी तो हम भारी घाटे में जाएंगे। राहुल गांधी ने उत्पादन और खपत पर देर तक बोला, लेकिन सरकार की आलोचना की जगह उनका जोर अपना विजन देने पर रहा।
मैं वाजपेयी का सम्मान करता हूं, लेकिन उन्होंने कंप्यूटर के बारे में कहा था कि भारत में इसकी कोई जरूरत नहीं है। कंप्यूटर क्रांति को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी पर कटाक्ष किया, लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि वो वाजपेयी का सम्मान करते हैं। हालांकि, अमेरिका से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण नहीं मिलने को लेकर तंज कसा तो मंत्री किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताई। इस पर भी राहुल ने रार नहीं ठानी, बल्कि तुरंत माफी मांग ली और एक बार नहीं, तीन-तीन बार। फिर चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा में घुसने के सवाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना के विरोधाभासी बयानों के राहुल के दावे पर भी विवाद हुआ। सत्ता पक्ष ने राहुल के इस दावे को आधारहीन बताया तो राहुल ने फिर से रस्साकस्सी की जगह बयान में बदलाव का रास्ता चुना। राहुल ने अपनी बात दूसरे तरीके से रखी।
इससे पहले संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के सांसद महाकुंभ भगदड़ पर चर्चा की मांग के लिए अड़े हुए हैं। इस बीच दोनों सदनों की कार्यवाही चल रही है लेकिन विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। हालांकि बाद में विपक्षी सदस्य राज्.सभा में आए और फिर बहस मे हिस्सा भी लिया। बीजेपी के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने महाकुंभ भगदड़ पर विपक्ष की मांग को लेकर कहा, "कुंभ की व्यवस्थाएं अद्भुत हैं। अगर यह पर्याप्त नहीं होती तो इतनी बड़ी संख्या में लोग प्रयागराज नहीं आ पाते। यह महाकुंभ को बदनाम करने की विपक्ष की साजिश है।"
वहीं लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि अब प्रश्नकाल खत्म हो गया है। अब आप राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा के दौरान किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे को उठा सकते हैं। आप नारे लगाने आए हो, सदन को स्थगित करने आए हो, मेज थपथपाने आए हो. तो मैं कुछ नहीं कह सकता हूं। वहीं लोकसभा में महाकुंभ भगदड़ को लेकर विपक्ष के सांसद लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। वो 'होश में आओ, होश में आओ' के नारे लगा रहे हैं।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने अयोध्या में नाबालिग से रेप का मुद्दा उठाया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये अयोध्या में हुआ, क्या यही रामराज्य है। हम दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग करते हैं।बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि मैं सदन में 10 सवाल उठाना चाहता हूं, लेकिन विपक्ष मुझे ऐसा करने नहीं दे रहा है। मैं गांधी परिवार और जॉर्ज सोरोस के बीच संबंधों को उजागर करूंगा। जॉर्ज सोरोस का बेटा चार दिनों तक बांग्लादेश में रहा। उसकी फोटो मोहम्मद यूनुस के साथ पब्लिश हुई थी। उसने बांग्लादेश को भारत में घुसपैठियों को भेजने और हमारे देश को विभाजित करने का केंद्र बनाया है, मैं उसका पर्दाफाश करने जा रहा हूं।