सराय ख्वाजा मामलाः सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम में की तालाबंदी, कामबंद हड़ताल पर गये
सराय ख्वाजा पर एक दुकानदार से शुरू हुआ नगर निगम कर्मियों का मामूली विवाद गंभीर मोड़ ले चुका है। नगर निगम के दफ्तरों में तालाबंदी कर कर्मचारी कामबंद हड़ताल पर चले गये हैं। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से शहर में सफाई कार्य ठप हो गया है।

-सेनेट्री इंसपेक्टर पर मुकदमे से भड़के निगमकर्मी बोले- या मुकदमा वापस लो या हम भी दर्ज कराएं रिपोर्ट!
आगरा। खेरिया मोड़ स्थित सराय ख्वाजा में नगर निगम की एक नियमित कार्रवाई ने प्रशासन और पुलिस को असहज स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। मामला एक दुकानदार के साथ हुई हाथापाई और नगर निगम द्वारा बिना नोटिस के की गई तोड़फोड़ को लेकर गरमाया था। दुकानदार की तहरीर पर पुलिस ने निगमकर्मियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया तो इससे भड़के निगम के सफाई कर्मियों ने नगर निगम में पूर्ण तालाबंदी कर दी है और कामबंद हड़ताल पर चले गये हैं।
एफआईआर से भड़के सफाई कर्मचारी, निगम कार्यालय में जड़ा ताला
जैसे ही सोमवार सुबह सफाई कर्मचारियों को यह सूचना मिली कि उनके सेनेटरी इंस्पेक्टर प्रदीप गौतम समेत 20 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज हुई है, उन्होंने वर्कशॉप से गाड़ियों का संचालन बंद कर दिया। फिर भारी संख्या में कर्मचारी नगर निगम मुख्यालय पहुंचे और सभी अधिकारियों के कमरों पर ताले जड़ दिए। हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा गया कि जब तक एफआईआर वापस नहीं होगी, सफाई व्यवस्था ठप रहेगी।
बल्केश्वर मेला भी चपेट में, सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप
सफाई कर्मचारी संगठनों ने साफ किया कि यह हड़ताल केवल एक दिन की चेतावनी नहीं बल्कि निर्णायक संघर्ष की शुरुआत है। उन्होंने बल्केश्वर में चल रहे मेले की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप करने की चेतावनी दी है। कर्मचारी नेताओं ने नगर आयुक्त पर दुकानदार को बचाने और कर्मचारियों को फंसाने का आरोप लगाया।
बवाल की जड़: प्लास्टिक पर चालान, थप्पड़, फिर बुलडोजर
नगर निगम की टीम पॉलीथिन और प्लास्टिक के खिलाफ अभियान के तहत सराय ख्वाजा पहुंची थी। टीम ने ‘नत्थी मिष्ठान भंडार’ पर प्लास्टिक गिलास प्रयोग करते देख चालान किया। आरोप है कि इस पर दुकानदार जगदीश कुशवाह ने निगमकर्मी को थप्पड़ मार दिया। जवाब में टीम ने बुलडोजर बुलाकर दुकान का काउंटर और शटर तोड़ डाला।
वीडियो वायरल से और फंसे निगमकर्मी
घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें नगर निगम की टीम की कार्रवाई को 'बिना नोटिस और प्रक्रिया' के दिखाया जा रहा है। यही वीडियो अब निगम कर्मियों के लिए सिरदर्द बन गया है। इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
दर्ज हुआ गंभीर धाराओं में मुकदमा, निगमकर्मी पहुंचे उबाल पर
दुकानदार जगदीश कुशवाह ने सेनेटरी इंस्पेक्टर प्रदीप गौतम और प्रताप सहित 20 अन्य अज्ञात कर्मियों पर बलवा, मारपीट, जानलेवा हमला, छेड़छाड़ और लूट जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। इससे नगर निगम के कर्मचारियों में जबरदस्त रोष है। उनका कहना है कि यदि दुकानदार का मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो वे भी उसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे।
राजनीतिक रिश्तेदारी ने और बढ़ाया तनाव
मामला इसलिए भी संवेदनशील हो गया है क्योंकि जिस दुकान पर यह बवाल हुआ, वह भाजपा विधायक भगवान सिंह कुशवाह के रिश्तेदार की है। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक दबाव में निगमकर्मियों को फंसाया जा रहा है और अधिकारियों ने भी उन्हें धोखे में रखा।
अब क्या होगा? निगम बनाम पुलिस की सीधी भिड़ंत
इस पूरे घटनाक्रम ने नगर निगम, पुलिस और स्थानीय प्रशासन को एक दूसरे के आमने-सामने ला खड़ा किया है। कर्मचारी संगठनों ने थाने और विधायक आवास के घेराव का एलान कर दिया है। इससे आने वाले दिनों में आगरा शहर में सफाई और कानून-व्यवस्था दोनों पर संकट मंडरा सकता है।