सामूहिक दुराचार और पॊक्सो एक्ट के छह आरोपी बरी
आगरा। विशेष न्यायाधीश पॊक्सो एक्ट दिनेश कुमार ने अपहरण, सामूहिक दुराचार और पॉक्सो एक्ट के मामले में छह आरोपियों को बरी कर दिया है। यह मामला 2015 में दर्ज किया गया था, जब एक 13 वर्षीय लड़की के अपहरण और दुराचार का आरोप लगाया गया था।

अदालत ने आरोपियों को बरी करने के लिए साक्ष्य के अभाव और पीड़िता के बयानों में विरोधाभास को आधार बनाया। मामले में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार 16 फरवरी 2015 को पीड़िता जब शौच के लिए घर से बाहर गई हुई थी, तभी आनंद, बबलू, सत्य प्रकाश, भिक्की उर्फ भीकम सिंह, नरेश, राकेश एवं गगन निवासीगण मोहम्मदपुर, शास्त्रीपुरम, सिकंदरा इस किशोरी को बहला फुसलाकर अपने साथ भगा ले गए थे।
पीड़िता का मेडिकल डॊ. रुचि रानी ने किया, वहां उसने स्वीकार किया था कि अपनी मर्जी से आनंद के साथ संबंध बनाए थे।
इस मामले में आरोपी भिक्की उर्फ भीकम एवं नरेश पिता-पुत्र हैं। अदालत ने माना कि भारतीय परिवेश में यह संभव नहीं है कि कोई भी व्यक्ति अपने सगे भाई या पिता के सामने किसी लड़की के साथ दुराचार जैसी जघन्य घटना कर सकता है।
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट दिनेश कुमार चौरसिया ने सभी आरोपियों इस मामले में आरोपी आनंद, बबलू, सत्यप्रकाश भिक्की उर्फ भीकम सिंह, नरेश, राकेश और गगन को बरी करने के आदेश दिए। अदालत ने कहा कि साक्ष्य के अभाव और पीड़िता के बयानों में विरोधाभास के कारण आरोपियों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।