शांति की उम्मीदों को झटका, यूक्रेन सम्मेलन अचानक स्थगित
लंदन। यूक्रेन युद्ध को लेकर लंदन में प्रस्तावित शांति शिखर सम्मेलन उस वक्त विवादों में घिर गया जब अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी के शीर्ष राजनयिकों ने आख़िरी क्षणों में इसमें भाग लेने से इनकार कर दिया। सम्मेलन को उच्च-स्तरीय वार्ता से हटाकर अब निचले स्तर के अधिकारियों की बैठक तक सीमित कर दिया गया है।

-अमेरिका-फ्रांस-जर्मनी के शीर्ष नेताओं के हटते ही लंदन में गहराया कूटनीतिक संकट
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, जिनकी मौजूदगी को इस सम्मेलन की अहम कड़ी माना जा रहा था, ने कार्यक्रम से कुछ घंटे पहले ही अचानक अपनी यात्रा रद्द कर दी। इसके बाद फ्रांस और जर्मनी के विदेश मंत्रियों ने भी भाग न लेने का फैसला किया, जिससे पश्चिमी देशों की एकता पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
यह बदलाव केवल तार्किक है– अमेरिकी विदेश विभाग
विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह फैसला तार्किक कारणों से लिया गया है और रुबियो भविष्य में अपनी ब्रिटेन यात्रा को पुनर्निर्धारित करेंगे। रुबियो ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, मैं लंदन में चल रही चर्चाओं के बाद आगामी महीनों में अपनी यात्रा फिर से तय करने को लेकर आशान्वित हूं।
ज़ेलेन्स्की का कड़ा रुख
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार किसी भी शांति समझौते के तहत रूस को एक इंच जमीन भी नहीं सौंपेगी। उन्होंने उन रिपोर्ट्स को बेकार की बातें कहा, जिनमें दावा किया गया था कि ट्रंप प्रशासन की ओर से एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिसमें कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्रों को रूस के पास रहने दिया जाएगा। ज़ेलेन्स्की ने दो टूक कहा, यूक्रेनी भूमि पर कोई सौदा नहीं हो सकता। यह हमारे देश की संप्रभुता का सवाल है।