अमेरिकी डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी की रिपोर्टः चीन को ध्यान में रखकर रक्षा तैयारियां कर रहा भारत
वॉशिंगटन। अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (डीआईए) द्वारा जारी की गई ‘वर्ल्ड थ्रेट असेसमेंट 2025’ रिपोर्ट में भारत को लेकर व्यापक और बहुआयामी विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट डीआईए के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल जेफ्री क्रूस द्वारा तैयार की गई है। इसमें भारत की रक्षा तैयारियों और रणनीतिक संबंधों की गहराई से समीक्षा की गई है।

रिपोर्ट में भारत की मेक इन इंडिया रक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा गया है कि भारत अब अपने रक्षा उत्पादन को स्थानीय स्तर पर विकसित करने की दिशा में निर्णायक कदम उठा रहा है। स्वदेशी मिसाइल, टैंक, और ड्रोन तकनीक को प्राथमिकता दी जा रही है। हालांकि भारत को तकनीकी स्वायत्तता हासिल करने में अभी समय लगेगा। मेक इन इंडिया के बावजूद भारत आज भी अपने रूसी रक्षा उपकरणों के स्पेयर पार्ट्स लिए रूस पर निर्भर है। ऐसी स्थिति में भारत रूस के साथ अपने रिश्ते बनाए रखेगा।
डीआईए की रिपोर्ट में भारत के बारे में यह भी कहा गया है कि वह चीन से असली खतरा मानता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत और चीन के बीच सीमा विवाद अस्थायी तौर पर थम गया है। यह विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है, इसीलिए भारत चीन को ध्यान में रखकर अपनी रक्षा तैयारियां कर रहा है। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद ही नहीं, सैन्य शक्ति, आर्थिक और तकनीकी मुकाबला भी है। कई क्षेत्रों में चीन की बढ़त को भारत खुद के लिए रणनीतिक चुनौती मानता है।
रिपोर्ट में पाकिस्तान को लेकर कहा गया है कि वह भारत को अपने लिए खतरे के रूप में देख रहा है। इससे निपटने के लिए वह चीन के समर्थन से अपने परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण में लगा हुआ है। रिपोर्ट में पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताया गया है। पाकिस्तान में आतंकवाद और परमाणु हथियारों के मेल को एक गंभीर वैश्विक खतरा भी बताया गया है।
रिपोर्ट में भारत को एक ‘राइजिंग पॉवर’ कहा गया है, जो आने वाले वर्षों में चीन के रणनीतिक दबाव और पाकिस्तान की अनिश्चितताओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है।