अखिलेश मिलने पहुंचे तो हेलीपैड पर अगवानी को खड़े मिले आजम खान, दो घंटे चली मुलाकात

रामपुर में आज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खां से मिलने के लिए पहुंचे। यह मुलाकात केवल एक राजनीतिक पुनर्मिलन नहीं थी, बल्कि समाजवादी राजनीति की पुरानी धारा और नई पीढ़ी के बीच आंतरिक मतभेदों तथा भावनात्मक जुड़ाव, दोनों को उजागर करने वाली चर्चा का केंद्र भी बन गई।

Oct 8, 2025 - 18:44
Oct 8, 2025 - 20:24
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अखिलेश मिलने पहुंचे तो हेलीपैड पर अगवानी को खड़े मिले आजम खान, दो घंटे चली मुलाकात
रामपुर में अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां के साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।

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-मुलाकात के बाद बोले अखिलेश यादव- आजम खां पुराना दरख्त, उनकी छाया सपा के लिए हमेशा संबल बनी रहेगी

-आरके सिंह-

रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और संस्थापक सदस्यों में से एक मोहम्मद आजम खान से पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को रामपुर पहुंचकर मुलाकात की। यह मुलाकात 23 महीने बाद जेल से जमानत पर रिहा हुए आजम खान के लिए राजनीतिक और भावनात्मक दोनों ही दृष्टि से अहम रही। दोपहर 1:10 बजे अखिलेश यादव आजम खान के घर पहुंचे, जहां दोनों नेताओं ने लगभग दो घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की। मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने आजम खान को ‘पुराना दरख़्त’ बताते हुए कहा कि उनकी जड़ें बेहद गहरी और फैली हुई हैं, जिनकी छाया सपा के लिए हमेशा संबल बनी रहेगी।

इस मुलाकात के कार्यक्रम में दिनभर नाटकीय उतार-चढ़ाव देखने को मिले। पहले अखिलेश यादव का कार्यक्रम लखनऊ से चार्टर प्लेन द्वारा बरेली एयरपोर्ट पर उतरने का था, फिर नया शेड्यूल जारी हुआ जिसमें मुरादाबाद के मुंडापांडे एयरपोर्ट तक उड़ान और वहां से कार द्वारा रामपुर पहुंचने की योजना बनी। अंततः बदलाव के बाद अखिलेश बरेली एयरपोर्ट पर उतरे और वहां से हेलीकॉप्टर द्वारा सीधे जौहर यूनिवर्सिटी में बने हेलीपैड पर पहुंचे, जहां खुद आजम खान उनका स्वागत करने के लिए मौजूद थे।

मुलाकात से पहले आजम खान ने मीडिया के जरिए एक सख्त शर्त रखी थी- अखिलेश यादव उनसे अकेले मिलने आएं, कोई और नेता साथ न हो। संभवतः उनका यह इशारा रामपुर से सपा सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की ओर था, जिनसे आजम खान का रिश्ता लंबे समय से तल्ख़ है। आजम ने नदवी के लिए कहा था कि मैं उन्हें जनता ही नहीं। दरअसल, मौलाना नदवी को अखिलेश ने आजम खां की मर्जी के बगैर 2024 के लोकसभा चुनाव में रामपुर से प्रत्याशी बनाया था, जिन्होंने बिना आजम खान की मदद के चुनाव जीता था। यही वजह रही कि आजम खान की शर्त मानते हुए अखिलेश यादव को अंतिम समय में मौलाना नदवी को साथ न ले जाने का निर्णय लेना पड़ा।

दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात के दौरान भावनाओं और पुराने रिश्तों की परछाइयां साफ झलकती रहीं। जेल से लौटने के बाद आजम खान बार-बार यह दर्द जाहिर करते रहे हैं कि वे अपने घर रामपुर से ही टिकट नहीं दिलवा सके, और इसी पीड़ा ने अखिलेश के सामने शर्त के रूप में आकार लिया।

मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी झूठे मुकदमे दर्ज करने का विश्व रिकॉर्ड बनाना चाहती है। आजम खान और उनके परिवार पर जितने झूठे मुकदमे दर्ज हुए हैं, उतने किसी और राजनीतिक व्यक्ति पर नहीं हुए। जब पत्रकारों ने पूछा कि अगर प्रदेश में सपा की सरकार बनी तो क्या ये मुकदमे वापस लिए जाएंगे, तो अखिलेश यादव ने साफ कहा कि निश्चित रूप से, आजम खान पर दर्ज सभी झूठे मुकदमे हमारी सरकार आने पर वापस लिए जाएंगे।

मीडिया ने जब सवाल किया कि वह मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को क्यों छोड़कर आए, तो अखिलेश यादव ने मुस्कुराते हुए सवाल को अनसुना कर दिया और कोई जवाब नहीं दिया। इस चुप्पी ने सपा के अंदरूनी समीकरणों पर और भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

SP_Singh AURGURU Editor