महिला को 42 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 70 लाख की मांग, बरेली पुलिस ने ठगी से बचा लिया
-आरके सिंह- बरेली। साइबर अपराध की दुनिया में ‘डिजिटल अरेस्ट’ का एक नया ट्रेंड सामने आया है। बरेली में 62 वर्षीय महिला गुलशन कुमारी को 42 घंटे तक अपने ही घर में कैद कर दिया गया। ठगों ने खुद को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताते हुए महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया। अरेस्ट वारंट की धमकी दी और मामले को रफा-दफा करने के लिए 70 लाख रुपये की डिमांड रखी। गुलशन कुमारी इतनी डर गईं कि उन्होंने किसी को सूचना नहीं दी, लेकिन बरेली पुलिस की सतर्कता ने उन्हें ठगी से बचा लिया।

फोन पर शुरू हुआ दहशत का खेल
11 अगस्त को दोपहर करीब 3 बजे गुलशन कुमारी को एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद के सरकारी अधिकारी होने का दावा किया और कहा कि उनका नाम एक बड़े मनी लॊन्ड्रिंग केस में आ चुका है। साथ ही अरेस्ट वारंट जारी हो चुका है। अगर उन्होंने यह बात किसी को बताई तो तुरंत जेल भेज दिया जाएगा।
घर में नज़रबंदी और निगरानी
ठग ने महिला को घर से बाहर न निकलने का आदेश दिया। इसके बाद वीडियो कॊल सर्विलांस के जरिए उनकी हर गतिविधि पर निगरानी रखी गई। उनकी व्यक्तिगत जानकारियां ली गईं और धमकी देकर 70 लाख रुपये देने की मांग की गई। दो दिन तक गुलशन कुमारी अपने ही घर में कैद रहीं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
किसी माध्यम से गुलशन कुमारी को डिजिटल अरेस्ट किए जाने की सूचना बरेली के एसएसपी के अलावा डायल 112 पर पुलिस को मिली। इसके बाद एसएसपी ने एसपी सिटी मानुष पारीक को मौके पर पहुंचने को कहा। एसपी सिटी और थाना प्रेमनगर पुलिस और 112 की टीम तुरंत एक्शन में आई। 42 घंटे से डिजिटल अरेस्ट में फंसी गुलशन कुमारी को रेस्क्यू किया गया। मौके पर एसपी सिटी मानुष पारीक ने गुलशन कुमारी को साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट से बचाव के तरीके बताए।
पीड़िता ने जताया आभार
रेस्क्यू के बाद गुलशन कुमारी ने वीडियो संदेश जारी कर बरेली पुलिस का धन्यवाद किया और लोगों को सलाह दी कि किसी भी अज्ञात कॉलर को अपनी निजी जानकारी न दें और तुरंत पुलिस को सूचना दें।