हादसों में हर रोज जवान मौतें, पुलिस को कोई फर्क नहीं पड़ रहा

आगरा। आगरा में सड़क हादसे बहुत ज्यादा बढ़ते जा रहे हैं। शायद ही कोई दिन ऐसा बीतता हो, जब कोई न कोई एक्सीडेंट न होता हो। जवान मौतें परिवारों पर वज्रपात कर रही हैं। सड़कें बहुत ज्यादा असुरक्षित हो गई हैं। हैरानी की बात यह है कि लगातार बढ़ते सड़क हादसों की ओर पुलिस का ध्यान नहीं जा रहा। यह जानने की कोशिश नहीं हो रही कि क्या वजहें हैं, जिनकी वजह से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।

Mar 2, 2025 - 13:11
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हादसों में हर रोज जवान मौतें, पुलिस को कोई फर्क नहीं पड़ रहा

शनिवार को आगरा में सुबह से लेकर देर रात तक दुर्घटनाएं होती रहीं। 11 लोगों की मौत हो गई। दस दिन पहले नव विवाहित दंपति की मौत ने हर किसी को हिला दिया। आगरा-जगनेर रोड पर अकोला कागारौल के बीच दो बाइकों की भिड़ंत में पांच जवान मौतें हुईं। इसके अलावा भी कई दुर्घटनाएं हुईं।

वजहें जानने की कोशिश तक नहीं हो रही

निश्चित रूप से सड़क हादसे वाहन चलाने वालों की गलतियों से होती हैं, लेकिन सरकारी तंत्र की यह जिम्मेदारी तो बनती है कि वह यह देखे कि किन वजहों से ये दुर्घटनाएं हो रही हैं। जगनेर रोड पर हुए हादसे को ही लें। सैंया के जिन चार युवकों की मौत हुई, वे एक ही बाइक पर सवार थे।

सवाल यह है कि ये चारों युवक एक ही बाइक पर सैंया से चलकर कागारौल क्षेत्र तक पहुंच गए। इस बीच में तमाम ऐसे पॊइंट से भी ये गुजरे होंगे जहां पुलिस तैनात रहती है। किसी की भी नजर इन युवाओं पर नहीं पड़ी जो बाइक को कार की तरह इस्तेमाल कर रहे थे।

अनदेखा करते रहते हैं पुलिसकर्मी

सामान्य तौर पर देखा जाता है कि पुलिसकर्मी आंखों के सामने से स्टंट करते हुए फर्राटा भऱते दोपहिया वाहनों को देखकर भी अनदेखा करते हैं। एक-एक दोपहिया पर तीन से चार लोग बैठे होते हैं, लेकिन इन्हें कहीं कोई नहीं रोकता। हेलमेट अभियान शहर तक सीमित है। ग्रामीण अंचल में बगैर हेलमेट दोपहिया वाहन दौड़ाने वालों को नहीं पकड़ा जाता।

एक्सप्रेसवे का फतेहाबाद क्षेत्र

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर फतेहाबाद थाना क्षेत्र में भी आएदिन कोई न कोई एक्सीडेंट हो रहा है। ये हादसे ज्यादातर तड़के होते हैं। इस एरिया में दुर्घटनाओं में तमाम मौतें हो चुकी हैं। न तो यूपीडा और न ही आगरा प्रशासन यह जानने की कोशिश कर रहा कि फतेहाबाद क्षेत्र में ही इतने हादसे एक समयावधि के दौरान ही क्यों हो रहे हैं। जवाब सामान्य सा है कि वाहन चालकों को झपकी लगाने से दुर्घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में अथॊरिटीज की जिम्मेदारी बनती है कि एक्सप्रेसवे पर इस एरिया में कुछ तो ऐसे कदम उठाए जाएं कि वाहन चालकों को सचेत किया जा सके।

शनिवार के जाम में हाईवे तक पर नहीं दिखी पुलिस

शनिवार को बड़ा सहालग था। बड़ी संख्या में शादियां थीं। शहर में तो ट्रैफिक बदहाल था ही, ग्रामीण अंचल में भी सड़कें जाम थीं। आगरा-टूंडला के बीच एत्मादपुर पर हाईवे पर दोनों ओर चार से पांच किलोमीटर लम्बा जाम लगा हुआ था। जाम की वजह एत्मादपुर कस्बे की बरहन रोड वाली क्रॊसिंग थी। इस कदर जाम था कि सर्विस रोड पर भी वाहन फंसे हुए थे।

दो किलोमीटर की दूरी घंटे भर से ज्यादा समय में पूरी हो पाई। इस दौरान बरहन क्रासिंग पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं दिख रहा था जो यातायात को व्यवस्थित कर सके। एत्मादपुर थाने की पुलिस दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही थी। इसी जाम के दौरान सर्विस रोड पर एक कार में आग लगने की घटना भी हुई।

मुड़ी चौराहे पर भी भीषण जाम था

एत्मादपुर से खंदौली जाने वाला मार्ग मुड़ी चौराहे पर जाम था। इस रोड पर आलू से लदी ट्रैक्टर ट्रालियों की भरमार थी। शादी समारोहों में जा रहे वाहन जाम में फंस गए। बरातों की बसें भी फंसी खड़ी थीं। यहां भी पुलिस की ओर से कोई यातायात को नियंत्रित करते नहीं दिखा।

बीते कल जिले भर की सड़कों पर सहालग की वजह से सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा ट्रैफिक था। ऐसे में पुलिस की ड्यूटी बनती थी कि अपने अपने क्षेत्रों में नजर रखती तो जाम से तो बचा ही जा सकता था, कागारौल क्षेत्र जैसा सड़क हादसा भी रोका जा सकता था।

SP_Singh AURGURU Editor