सूरसरोवर के ईको सेंसटिव जोन को लेकर विवाद गहराया, आंदोलन करेंगे पर्यावरण प्रेमी
कीठम के आसपास के एक किमी एरिया को ईकोसेंसटिव जोन से बाहर करने को लेकर विवाद गहरा गया है। पर्यावरण विद इसे लेकर आ्ंंदोलन की तैयारी में है। उन्होंने कल शाम यमुना आरती स्थल पर धरना देने का फैसला किया है.

आगरा। कीठम के आसपास के क्षेत्र को ईकोसेंसटिव जोन घोषित करने को लेकर एक बार फिर से विवाद गहरा गया है। रिवर कनेक्ट कैंपेन के ब्रज खंडेलवाल का कहना है कि सरकार सरोवर को छोड़कर आसपास के क्षेत्र को ईको सेंसटिव जोन से बाहर करने जा रही है। इसको लेकर रिवर कनेक्ट कैंपेन के लोग यमुना आरती स्थल पर रविवार शाम को पांच बजे धरना देंगे।
रिवर कनेक्ट कैंपेन के देवाशीष भट्टाचार्य का कहना है कि उनकी एक रिट सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस रिट के आधार पर ही उत्तरीबाइपास का निर्माण रुक सका है। वर्तमान में कीठम के एक किमी का दायरा ईकोसेंसटिव जोन में आता है। यदि इससे कोई छेड़छाड़ का प्रयास सरकार करती है तो वह हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ जनहितयाचिका डालेंगे। रिवर कनेक्ट कैंपेन के ब्रज खंडेलवाल का कहना है कि सूर सरोवर को ईको सेंसटिव एरिया के रूप में संरक्षित रखा गया है। यह रेमसर वेट लैंड साइट के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह आगरा के ताजमहल और मथुरा रिफाइनरी के बीच एक सुरक्षित ग्रीन फिल्टर या बफर के रूप में काम करता है। ईको सेंसटिव जोन को घटाना पर्यावरण के लिए घातक होगा।
इधर पर्यावरण विद डा. शरद गुप्ता का कहना है कि सरकार इसके लैंड यूज में बदलाव नहीं कर सकती। उन्होंने एनजीटी में कीठम और आसपास के साढ़े चार सौ हेक्टेयर क्षेत्र को बर्ड सेंचुरी के रूप में घोषित करने संबंधी याचिका डाली हुई है। कल इस पर हुई सुनवाई में प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया है कि सरकार इसके लिए नोटीफिकेशन करेगी। बर्ड सेंचुरी घोषित होने के बाद उसके बाद का क्षेत्र ईको सेंसटिव जोन में आएगा। अभी ईको सेंसटिव जोन नोटीफाइड नहीं है।