लम्बा इंतजारः भाजपा जिलाध्यक्ष पद के दावेदार भी भागदौड़ करते-करते थक गए
आगरा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की तारीख भी गुजर गई, लेकिन अभी तक यूपी में जिलाध्यक्षों की घोषणा तक नहीं हो सकी है। 15 जनवरी तक जिलाध्यक्षों और 25 जनवरी को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होनी थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिलाध्यक्षों का चयन तो कर लिया गया है, लेकिन दिल्ली के विधान सभा चुनाव के कारण घोषित करने में देरी हो रही है। यूपी को भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष भी अब शायद दिल्ली के चुनाव के बाद ही मिल सकेगा।

-प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की तारीख भी गुजर गई और भाजपा अभी जिलाध्यक्ष भी घोषित नहीं कर पाई
भाजपा जिलाध्यक्ष पद के दावेदार भी अब भागदौड़ कर थक चुके हैं। क्या दावेदार और क्या वरिष्ठ नेता, कोई भी यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि भाजपा यूपी में जिलाध्यक्षों की घोषणा कब करेगी। सात से 10 जनवरी के बीच नामांकन दाखिल होने के बाद से ही भाजपा जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों ने उसी तरह भागदौड़ शुरू कर दी थी, जैसी कि लोकसभा या विधान सभा का टिकट हासिल करने के लिए की जाती है।
दावेदारों ने सांसदों, विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए तो दिन-रात एक किया ही, आरएसएस के वरिष्ठ अधिकारियों का आशीर्वाद लेने के लिए भी एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। बता दें कि भाजपा के संगठनात्मक चुनाव में संघ के पदाधिकारियों से भी राय मांगी गई है। भाजपा में ऐसा माना जाता है कि संघ के प्रांत प्रचारक से लेकर क्षेत्र प्रचारक तक का आशीर्वाद जिसे मिल जाता है, उसकी नैया पार लग ही जाती है।
लखनऊ, नोएडा में हुई बैठकों के बाद माना जा रहा था कि 20 से 22 जनवरी के बीच जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी जाएगी। इन तारीखों पर भी सूची जारी नहीं हो सकी। इसके बाद कहा जा रहा था कि 24 या 25 जनवरी को सूची जारी कर दी जाएगी क्योंकि 25 जनवरी को प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना था। 25 जनवरी भी गुजरने के बाद अब कोई यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि जिलाध्यक्षों की सूची कब आएगी।
तीन-चार दिन पहले यह खबर आई थी कि भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने अब सभी से मिलना बंद कर दिया है। वे एकांत में बैठकर जिलाध्यक्षों के नामों को अंतिम रूप दे रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी ने जिलाध्यक्ष तय तो कर लिए हैं, लेकिन इसे जारी न करने के पीछे भी कोई न कोई रणनीति है। एक बात यह भी कही जा रही है कि दिल्ली में जाट मतदाता खासी संख्या में हैं, इसलिए दिल्ली चुनाव तक भाजपा यूपी भाजपा के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को ही बनाए रखना चाहती है।
जो भी हो, भाजपा के नये जिलाध्यक्षों का इंतजार करते-करते दावेदार ही नहीं, निचले स्तर के कार्यकर्ता भी शांत होकर बैठ गए हैं। वैसे अंदरखाने दावेदारों की भागदौड़ अभी जारी है।
फर्जी लिस्ट हो रहीं वायरल
भाजपा जिलाध्यक्षों की सूची जारी होने में देरी होने पर शरारती तत्वों द्वारा जिलाध्यक्षों की फर्जी लिस्ट भी जारी की जाने लगी हैं। शनिवार को ऐसी ही एक लिस्ट प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के नाम से जारी हुई, जिसमें प्रदेश के 15 जिलों के अध्यक्षों के नाम दिए गए थे। बाद में स्पष्ट हुआ कि ये लिस्ट फर्जी है। इससे पहले मथुरा के जिलाध्यक्ष पद के बारे में भी इसी तरह से फर्जी खबर चलाई गई।