आगरा में देर रात दो सड़क हादसे: एक की मौत, छह घायल; नौ किमी तक घसीटी गई वैन
आगरा। मंगलवार देर रात आगरा में दो सड़क हादसे हुए। इनमें एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि छह घायल हो गये। आगरा-मथुरा हाईवे पर हेरिटेज हॉस्पिटल के सामने एक तेज रफ्तार कार पीछे से आई रोडवेज बस की टक्कर से पलट गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि कार कई बार पलटी और ट्रैक्टर से जा भिड़ी। कार का ऊपरी हिस्सा और टायर तक उड़कर दूर जा गिरे। इस दौरान पीछे से आ रहे दूसरी कार चालक ने खुद को बचाने की कोशिश में कार रेलिंग से टकरा दी।

सूचना पर तत्काल थाना न्यू आगरा के इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचे और दोनों घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया। कारों को क्रेन से हटवा कर यातायात सुचारु कराया गया। हादसे के बाद रोडवेज बस और ट्रैक्टर के चालक मौके से भाग निकले।
एयरबैग ने बचाई जान
हादसे में घायल अनिरुद्ध, जो एनएचएआई में कार्यरत भूपेंद्र का पुत्र है, और भावना एस्टेट निवासी सिद्धार्थ उर्फ लालू, दोनों की जान कार में लगे एयरबैग खुलने से बच गई। चिकित्सकों के अनुसार घायलों की हालत खतरे से बाहर है।
आगरा-बाह मार्ग पर भयानक टक्कर: वैन को 9 किलोमीटर तक घसीटा ट्रक
दूसरा बड़ा हादसा आगरा-बाह रोड पर देर रात लगभग 2 बजे हुआ। मिहोना गांव, भिंड (मध्यप्रदेश) के पांच युवक मारुति वैन से आगरा आ रहे थे। इसी दौरान आगे चल रहे ट्रक ने अचानक ब्रेक लगाए, जिससे पीछे से आ रही वैन तेज गति में ट्रक से टकरा गई। ट्रक चालक ने ट्रक नहीं रोका, बल्कि वैन को करीब 9 किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गया।
कार में सवारों ने कूदकर बचाई जान
कार में सवार युवकों में से दो ने चलते वाहन से कूदकर अपनी जान बचाई। लेकिन हादसे में सुनील कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य चार युवक—वीर सिंह, चन्द्रेश, राजू प्रजापति और महेंद्र बघेल गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। घायलों में से दो की हालत गंभीर होने पर उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर रेफर कर दिया गया है। पुलिस अब ट्रक चालक की तलाश में जुट गई है।
एक्सीडेंट के पीछे लापरवाही और स्पीड मुख्य कारण
दोनों हादसों में तेज रफ्तार और वाहन चालकों की लापरवाही मुख्य कारण माने जा रहे हैं। एक हादसे में रोडवेज बस की लापरवाही सामने आई तो दूसरे में ट्रक चालक की अमानवीय हरकत ने एक जान ले ली।
लगातार हो रहे हादसे सवाल खड़े करते हैं कि क्या हाईवे पर गति नियंत्रण और सुरक्षा नियमों का पालन हो रहा है? क्या रात्रिकालीन चेकिंग और वाहनों की गति निगरानी पर्याप्त है? इन सवालों के जवाब तलाशना अब ज़रूरी हो गया है।