राज्यसभा की आठ सीटों के लिए वोटिंग 19 जून को
नई दिल्ली। राज्यसभा की आठ सीटों पर चुनाव के लिए इलेक्शन कमीशन ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। तमिलनाडु की छह और असम की दो राज्यसभा सीटें जून और जुलाई महीने में खाली हो रही हैं, जिनके लिए 19 जून को वोटिंग होगी और उसी दिन मतगणना भी हो जाएगी। चुनाव आयोग के अनुसार राज्यसभा चुनाव के लिए 2 जून को अधिसूचना जारी की जाएगी और नोमिनेशन 9 जून तक दाखिल किए जा सकेंगे।

राज्यसभा चुनाव में विधायक वोटिंग करते हैं, इसलिए यह लोकसभा, विधानसभा, पंचायत या अन्य चुनावों से काफी अलग होता है। इसमें वोटिंग की प्रक्रिया और वोटिंग का गणित भी काफी अलग है। हर राज्य में खाली राज्यसभा सीटों की संख्या और विधायकों की संख्या पर तय होता है कि किसी राज्य में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए कितने वोटों की जरूरत है।
तमिलनाडु की अगर बात करें तो यहां एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 34 वोटों की जरूरत होगी। तमिलनाडु विधानसभा में कुल 235 सीटें हैं और 234 निर्वाचित सदस्य हैं। सत्ताधारी गठबंधन की अगुवाई कर रही द्रविड़ मुनेत्र काषगम (द्रमुक) के 133 विधायक हैं। कांग्रेस के 17, वीसीके के चार और लेफ्ट पार्टियों के चार विधायक भी डीएमके के साथ गठबंधन में हैं। वहीं, विपक्षी एआईएडीएमके के पास 66 विधायक (ओ पन्नीरसेल्वम और उनके तीन विधायक समेत) हैं और उसकी गठबंधन सहयोगी बीजेपी के चार विधायक हैं।
तमिलनाडु की छह राज्यसभा सीटों में से तीन डीएमके की हैं। राज्यसभा के एक उम्मीदवार को जीत के लिए 34 वोटों की जरूरत है यानी 34 विधायकों का वोट चाहिए। डीएमके और उसके गठबंधन सहयोगियों को मिलाकर उसका संख्याबल 158 है, इसलिए चार सीटों पर उसकी जीत पक्की है और एआईएडीएमके की एक सीट पर। एआईएडीएमके को अगर दूसरी सीट भी जीतनी है तो उसको बीजेपी के चार विधायकों की भी जरूरत होगी। ऐसे में तमिलनाडु बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई चर्चा में हैं कि पार्टी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है। हालांकि, उनके लिए एआईएडीएमके के साथ तल्ख रिश्तों की वजह से राज्यसभा पहुंचने की राह आसान नहीं होगी।
असम विधानसभा की स्ट्रेंथ 126 है, जिनमें से सत्ताधारी बीजेपी के 64 और उसके सहयोगी असम गण परिषद के नौ, यूपीपीएल के सात विधायक हैं। इस तरह सत्ताधारी बीजेपी गठबंधन का संख्याबल 80 बैठता है। यहां राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 43 विधायकों का साथ चाहिए। इस तरह बीजेपी की एक सीट पर तो जीत पक्की है, लेकिन दूसरी सीट जीतने के लिए उसको 22 वोट और चाहिए। यानी अगर बीजेपी को गठबंधन के सहयोगी दलों के 16 विधायकों का साथ भी मिल जाए तो भी आंकड़ा सिर्फ 37 ही बैठता है यानी 6 अब भी कम हैं।
दूसरी तरफ विपक्षी कांग्रेस के 26 विधायक हैं. सीपीआई का एक, एआईयूडीएफ के 15 और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के तीन विधायक हैं। अगर ये पार्टियां कांग्रेस के साथ आ जाएं तो उसका संख्याबल 45 हो जाएगा और वह दूसरी राज्यसभा सीट जीत जाएगी।