बांग्लादेश आर्मी चीफ का 'चिकेन नेक' के पास बने एयरस्ट्रिप का रहस्यमय दौरा
जनरल वाकर-उज-जमान का दूसरे विश्वयुद्ध के समय बने दोनों एयरस्ट्रिप का अचानक किया गया निरीक्षण काफी चौंकाने वाला है। ठाकुरगांव एयरस्ट्रिप भारत के 'चिकन नेक' कॉरिडोर, जिसे सिलिगुड़ी कॉरिडोर कहा जाता है, उसके काफी नजदीक है और 22 किलोमीटर चौड़ा ये संवेदनशील भूभाग, भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को मुख्यभूमि से जोड़ता है।
ढाका। भारत की मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम कल शाम को बांग्लादेश की राजधानी ढाका से भारत लौट आई है। लेकिन इस दौरान एक ऐसा वाकया हुआ है। जब भारतीय टीम ढाका में ही मौजूद थी, उस वक्त बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-जमान ने शनिवार को दो पुराने एयरस्ट्रिप्स का अचानक दौरा किया है। यह एयरस्ट्रिप्स द्वितीय विश्व युद्ध के समय की हैं और पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे ललमोनिरहाट और ठाकुरगांव जिलों में स्थित हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जनरल जमान तीन हेलीकॉप्टरों के काफिले के साथ पहले लालमोनिरहाट पहुंचे और फिर ठाकुरगांव एयरस्ट्रिप का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रनवे के कंक्रीट हिस्से पर सेना की गाड़ी से जायजा लिया और फिर लौट गये। यह दौरा उस समय हुआ जब भारतीय MI अधिकारियों की टीम ढाका में ही मौजूद थी। इस टीम में एक मेजर जनरल, एक ब्रिगेडियर और एक कर्नल शामिल थे। ये टीम पहले तीन दिनों के लिए बांग्लादेश पहुंची थी, लेकिन बाद में दौरे को एक दिन के लिए और बढ़ा दिया गया। इसीलिए बांग्लादेशी आर्मी चीफ का भारत के चिकन नेक के पास के एयरस्ट्रिक का दौरा करना काफी हैरान कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक दिन में तीनों भारतीय अधिकारियों का भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा, उप-उच्चायुक्त पवन कुमार बधे और अन्य अधिकारियों ने मिशन के बारीधारा परिसर में दोपहर के भोजन पर स्वागत किया। इसके बाद खुफिया टीम के अधिकारियों ने बांग्लादेश में अपना प्रवास एक दिन के लिए और बढ़ा दिया। पहले उनका 16 अक्टूबर को नई दिल्ली लौटने का कार्यक्रम था। हालांकि एक दिन का दौरा क्यों बढ़ाया गया, इसकी जानकारी हमारे पास नहीं है। लेकिन भारतीय टीम के बांग्लादेश के दौरे के समय काफी भ्रम की स्थिति बनी रही।
बांग्लादेशी सेना मुख्यालय की तरफ से भारतीय सैन्य अधिकारियों के दौरे को सीक्रेट रखने की कोशिश की गई। एनई न्यूज ने बांग्लादेशी सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस दौरे का प्रचार नहीं किया गया क्योंकि देश के कुछ छात्रों ने भारतीय दल के आगमन के बाद ढाका में प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि फिर भी बांग्लादेश-म्यांमार सीमा से लगे तटीय जिले में स्थित बांग्लादेशी सेना की एक स्पेशल यूनिट ने भारतीय सैन्य अधिकारियों का विनम्र स्वागत किया था। भारतीय टीम 14 अक्टूबर को ढाका पहुंची थी और उन्होंने बांग्लादेश सेना की कई यूनिट, जैसे ऑपरेशंस और प्लानिंग निदेशालय, आर्म्ड फोर्सेस डिवीजन की इंटेलिजेंस शाखा, सेना विमानन समूह, एडजुटेंट जनरल और क्वार्टर मास्टर जनरल शाखाओं के साथ बैठकें कीं। सूत्रों के मुताबिक, टीम अपने साथ गिफ्ट लेकर भी गई थी, जिन्हें मेजबान देश के विभिन्न अधिकारियों को सौंपा गया।
जनरल वाकर-उज-जमान का दूसरे विश्वयुद्ध के समय बने दोनों एयरस्ट्रिप का अचानक किया गया निरीक्षण काफी चौंकाने वाला है। ठाकुरगांव एयरस्ट्रिप भारत के 'चिकन नेक' कॉरिडोर के नजदीक है और वह संवेदनशील भूभाग, भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को मुख्यभूमि से जोड़ता है। सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश की सेना इन दोनों एयरस्ट्रिप्स को भविष्य में फिर से सक्रिय करने पर विचार कर रही है। दिलचस्प बात यह है कि जनरल जमान ने यह दौरा उस समय किया जब उन्हें सऊदी अरब की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जाना था, जिसे उन्होंने अचानक रद्द कर दिया। इससे पहले उन्होंने नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों और दक्षिण एशिया में आतंकवाद-रोधी प्रयासों पर होने वाले दो सम्मेलनों में शामिल होने की योजना भी रद्द कर दी थी।




