पीएम की अपील पर एफएसएसएआई ने उठा रही कदम: मोटापे पर लगाम के लिए तेल में कटौती की तैयारी
नई दिल्ली। देश में बढ़ते मोटापे और जीवनशैली संबंधी बीमारियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में चिंता जताई थी और नागरिकों से दैनिक व्यायाम और खाद्य तेल की खपत में 10% कटौती करने की अपील की थी। पीएम की इस पहल के जवाब में अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने एक ठोस एक्शन प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है।

क्या है एफएसएसएआई का प्लान?
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के अनुसार, देश में औसतन एक व्यक्ति रोज़ाना अनुशंसित मात्रा से कहीं अधिक खाद्य तेल का सेवन करता है, जिससे हृदय रोग, मधुमेह, और मोटापा जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए प्राधिकरण ने निम्नलिखित रणनीति बनाई है-
ऑयल इनटेक कट डाउन कैंपेन: तेल की खपत को सीमित करने के लिए पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें पोस्टर, सोशल मीडिया संदेश, टीवी विज्ञापन और स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से जनता को अवगत कराया जाएगा।
फूड इंडस्ट्री से सहयोग: होटल, रेस्तरां और पैक्ड फूड बनाने वाली कंपनियों को कहा गया है कि वे अपने उत्पादों में तेल की मात्रा घटाएं और लेबलिंग को पारदर्शी बनाएं।
स्कूल और ऑफिस कैंटीन सुधार: शैक्षणिक संस्थानों और कार्यालयों की कैंटीन में लो-ऑयल फूड को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
ईट राइट मूवमेंट को मजबूती: पहले से चल रहे एफएसएसएआई के ईट राइट इंडिया अभियान को इस नई पहल के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि स्वस्थ खानपान को आदत बनाया जा सके।
रेगुलेटरी सुधार: खाद्य उत्पादों में ट्रांसफैट, संतृप्त वसा और नमक की सीमा को और सख्ती से लागू किया जाएगा।
विशेषज्ञों की राय
पोषण विशेषज्ञों का भी कहना है कि भारत में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन तेल की खपत 35-40 ग्राम है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश 20 ग्राम प्रतिदिन से अधिक नहीं है। इस अंतर को पाटने के लिए सशक्त जन-जागरूकता और नीति-सुधार आवश्यक हैं।