विकास बनाम भ्रष्टाचार: मोदी ने तय कर दिए बिहार-बंगाल के चुनावी मुद्दे

  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार और बंगाल की रैलियों से साफ संकेत दिया कि भाजपा आगामी चुनावों में विकास, भ्रष्टाचार विरोध, महिला सुरक्षा और युवाओं के लिए अवसर जैसे मुद्दों को केंद्र में रखेगी। बिहार में 'जंगलराज' और बंगाल में 'गुंडा टैक्स' को निशाना बनाते हुए मोदी ने केंद्र की उपलब्धियों और भाजपा की राष्ट्रवादी नीतियों को प्रमुखता दी।

Jul 18, 2025 - 22:12
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विकास बनाम भ्रष्टाचार: मोदी ने तय कर दिए बिहार-बंगाल के चुनावी मुद्दे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया रैलियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी आगामी बिहार विधानसभा और पश्चिम बंगाल लोकसभा चुनावों में विकास, भ्रष्टाचार विरोध और युवाओं के लिए अवसर जैसे मुद्दों को केंद्र में रखकर चुनावी रण में उतरेगी। बिहार के मोतिहारी और बंगाल के दुर्गापुर में हुई जनसभाओं में प्रधानमंत्री ने एक तरफ केंद्र सरकार की उपलब्धियों को गिनाया तो दूसरी ओर विरोधी दलों पर तीखे हमले किए।

बिहार में उन्होंने लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल को याद दिलाकर 'जंगलराज' और भ्रष्टाचार के मुद्दे को फिर से जीवित किया, जो भाजपा का पारंपरिक चुनावी हथियार रहा है। साथ ही, कानून-व्यवस्था को लेकर एनडीए सरकार की तारीफ की। वहीं पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पर 'गुंडा टैक्स' और महिला असुरक्षा जैसे गंभीर आरोप लगाए, यह जताते हुए कि वहां की सरकार उद्योग, निवेश और महिलाओं के लिए बाधा बन चुकी है।

इन दोनों रैलियों का एक बड़ा फोकस युवा मतदाताओं पर रहा। बिहार में प्रधानमंत्री ने यह वादा किया कि केंद्र सरकार एक लाख करोड़ रुपये का निवेश कर देशभर में रोजगार के अवसर पैदा करेगी, वहीं बंगाल में उन्होंने राज्य से पलायन कर रहे युवाओं की चिंता जताई और इसका ठीकरा राज्य सरकार की नीतियों पर मढ़ा।

यह संदेश देने की कोशिश की गई कि भाजपा युवाओं को वहीं अवसर देने के पक्ष में है, जिससे वे अपने ही राज्य में रहकर करियर बना सकें। बंगाल में भाजपा के लिए बाहरी पार्टी होने के आरोपों का जवाब देने के लिए भी रणनीति साफ दिखी। प्रधानमंत्री ने बंगाली अस्मिता को छूते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने ही बांग्ला भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया, यह बताकर भाजपा ने ‘बाहरी दल’ के आरोप को निष्प्रभावी करने की कोशिश की।

इसके साथ ही, बिहार में 'ऑपरेशन सिंदूर' का उल्लेख कर प्रधानमंत्री ने राष्ट्रवाद और सेना के प्रति सम्मान जैसे मुद्दों को भी उभारा, जिन्हें अतीत में भाजपा ने सफलता से भुनाया है। यह संकेत है कि भाजपा बिहार में सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवारों और राष्ट्रवादी भावना रखने वाले मतदाताओं को फिर से अपने पक्ष में लामबंद करने का प्रयास करेगी।

दोनों ही राज्यों में पार्टी ने अपने संगठन को सक्रिय कर केंद्र सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने का अभियान चलाया है। इन रैलियों से यह स्पष्ट है कि भाजपा आगामी चुनावों में विकास और राष्ट्रहित की योजनाओं को प्रमुख एजेंडा बनाएगी, जबकि विरोधियों के कथित भ्रष्टाचार, प्रशासनिक विफलताओं और 'परिवारवाद' को निशाने पर रखेगी। प्रधानमंत्री की यह रणनीति भाजपा को न सिर्फ राजनीतिक धार दे रही है, बल्कि जनता के समक्ष खुद को एकमात्र विकास समर्थक विकल्प के रूप में प्रस्तुत करने की तैयारी का संकेत भी है।

SP_Singh AURGURU Editor